For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

महिला दिवस: लघुकथा- हरि प्रकाश दुबे

“आज स्त्री दिवस है भाई, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, ८ मार्च है ना, समझे कुछ !”

“किस लिए मना रहें हैं भईया, और कबसे ?”

“ अरे यार एकदम बकलोल हो क्या ? अरे महिलाओं के लिए, उनकी क्षमता, सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक तरक़्क़ी दिलाने और उन महिलाओं को याद करने के लिए जिन्होंने महिलाओं के लिए प्रयास किए, अरे १९०९ से मना रहें हैं १०० साल से जयादा हो गए मनाते हुए, कुछ पढ़ते नहीं हो क्या ? !”

“तब भइया, रोज क्यों नहीं मनाते, देखिये न सभी स्त्रीयां सुबह से रात तक घर, परिवार,समाज का कितना काम करती हैं, पर एक सर्वे मैं बता रहा था की 87 प्रतिशत भारतीय स्त्रीयां ज़्यादातर समय तनाव में रहती हैं और 82 प्रतिशत के पास आराम करने के लिए वक़्त नहीं होता।“

“अरे इ सर्वे फर्वे सब बकवास है, अरे ब्रह्मा जी के बाद सबसे बड़ा स्थान नारी का है।“

“आप तो बड़े ज्ञानी हैं भईया, तब रात को दारु पीकर भउजाई को मारे क्यों थे ?”

 

© हरि प्रकाश दुबे

"मौलिक व अप्रकाशित” 

 

Views: 961

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on March 10, 2015 at 7:45pm

आदरणीया प्रतिभा त्रिपाठी  जी, इस लघुकथा पर आपकी प्रतिक्रिया ,प्रोत्साहन के लिए आपका हार्दिक  धन्यवाद ! सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on March 10, 2015 at 7:45pm

आदरणीया प्रतिभा त्रिपाठी  जी, इस लघुकथा पर आपकी प्रतिक्रिया ,प्रोत्साहन के लिए आपका हार्दिक  धन्यवाद ! सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on March 10, 2015 at 7:39pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी,आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया पाकर बहुत मनोबल मिला,आपकी उपस्थिति हेतु आपका आभारी हूँ सादर! "

Comment by Hari Prakash Dubey on March 10, 2015 at 7:36pm

ह्रदय से आभार आपका आदरणीय गिरिराज भंडारी सर , आपके मार्गदर्शन की सदैव आकांक्षा है. सादर.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 10, 2015 at 11:21am

आदरणीय हरि प्रकाश भाई , अच्छी लघुकथा कही है, दोहरी मानसिकता का अच्छा उदाहरण है ॥ बधाई आपको ॥

Comment by Hari Prakash Dubey on March 9, 2015 at 11:27pm

आदरणीय शुभ्रांशु पाण्डेय जी, बहुत बहुत धन्यवाद आपका ! सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on March 9, 2015 at 11:18pm

सोमेश भाई रचना पर समर्थन और उत्साहजनक प्रतिक्रिया के लिए आभार !

Comment by Hari Prakash Dubey on March 9, 2015 at 11:16pm

आदरणीय विनय भाई बहुत बहुत धन्यवाद आपका ! सादर 

Comment by Shubhranshu Pandey on March 9, 2015 at 9:30pm

आदरणीय हरी प्रकाश दूबे जी, अच्छी जानकारी साझा की है..

सादर.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on March 9, 2015 at 7:49pm

वाह !

शुभकामनाएँ .. . 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Jul 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Jul 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Jul 27
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service