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मैं झूमता चला हूँ : हरि प्रकाश दुबे

22--22—22--22--22—2

मैं तो हूँ फ़कीर मैं झूमता चला हूँ

आदाब कर खुदा को नाचता चला हूँ

 

मस्त हूँ ख़ुशी मैं कहूं इसे ही जीना

गम के भँवर मैं मस्त तैरता चला हूँ

 

मौत क्या बला है मैंने इसे न जाना

जिंदगी मिली है बस भागता चला हूँ

 

बड़ी ख़ाक छानी पहले हुआ परेशां

नसीब को नाज़ तले रौंदता चला हूँ      (नाज़= कोमलता)

 

शक हो किसी के दिल में तो आजमाले

इस देह को न’अश को सौंपता चला हूँ   (न’अश = ताबूत)

 

© हरि प्रकाश दुबे

"मौलिक व अप्रकाशित”   

Views: 619

Comment

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Comment by Hari Prakash Dubey on March 10, 2015 at 7:10pm

आदरणीय गिरिराज सर ,उत्साहवर्धन के लिए  बहुत- बहुत धन्यवाद आपका ! सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 10, 2015 at 11:04am

आदरणीय हरि प्रकाश भाई  , बहुत बेहतरीन प्रयास हुआ है ग़ज़ल का , बढ़िया शे र कहे हैं , हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें ॥

Comment by Hari Prakash Dubey on March 9, 2015 at 11:09pm

आदरणीय श्याम मठपाल जी ,रचना पर आपकी उत्साहजनक प्रतिक्रिया से मन प्रसन्न है , आभार आपका ! सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on March 9, 2015 at 10:54pm

भाई महर्षि त्रिपाठी जी ,बहुत बहुत धन्यवाद आपका ! सस्नेह 

Comment by Hari Prakash Dubey on March 9, 2015 at 10:52pm

आदरणीय डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव सर ,आपके रचना पर दो शब्द भी एक उत्प्रेरक का काम करतें है , आभार आपका  ! सादर !

Comment by Hari Prakash Dubey on March 9, 2015 at 10:47pm

आदरणीय डॉ विजय शंकर सर ,  सच मैं आप की प्रतिक्रिया उत्साहवर्धन करती है ,और सतत कुछ लिखने को प्रेरित करती है, प्रोत्साहन हेतु आपका हार्दिक आभार,  ! सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on March 9, 2015 at 10:43pm

भाई कृष्णा मिश्र जी ,रचना आपको पसंद आई ,आपका आभार ,तक्तीअ क्या बाला है ,अभी मैं भी समझ ही रहा हूँ , दरअसल गज़क विधा मुश्किल सी लग रही है अभी , थोडा थोडा प्रयास  चल रहा है ! सादर 

Comment by Shyam Mathpal on March 9, 2015 at 9:12pm

Aardarnya Dube Sb.,

Kya baat hai anand aa gaya. Dil ko choo gaee ..  Bahut shukriya. Badhai.

Comment by maharshi tripathi on March 9, 2015 at 5:59pm

अच्छी रचना पर बधाई आ.हरिप्रकाश  जी |

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 9, 2015 at 12:31pm

हरि प्रकाश जी

अच्छा प्रयास है i सादर i

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