For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कब तक मनाऊँ मैं...............

कब तक मनाऊँ मैं, वो अक्सर रूठ जाते हैं|
गर्दिश में अक्सर.... हर सहारे छूट जाते हैं|1


न मनाने का सलीका है,न रिझाने का तरीका है|
मनाते ही मनाते वो      अक्सर रूठ जाते है|2


संजोकर दिल में रखता हूँ,नजर को खूब पढ़ता हूँ|
मगर खास होते ही   ,अक्सर नजारे छूट जाते हैं|3


आयना समझकर हम.., उन्ही को देख जाते हैं|
संभालने की ही कोशिश में,जो अक्सर टूट जाते हैं|4


सब्र करता हूँ कि मेरे शब्दों में खामी हैं |
नारी अनबन से घरों में,अक्सर मुहारे फ़ूट जाते हैं|5


कब तक मनाऊँ मैं, वो अक्सर रूठ जाते हैं|
पढ़कर हमीं को ,दोस्त पुराने लूट जाते हैं|6
कब तक मनाऊँ मैं........................................

@आनद 08/02/2015   "मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 456

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on February 12, 2015 at 11:22am

अच्छी रचना है ,बहुत- बहुत बधाई आप प्रयास करते रहिये ग़ज़ल लिखने में एक दिन कामयाब होंगे बहरहाल शुभकामनायें 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on February 12, 2015 at 10:59am

आनंद जी

बहुत अच्छा कहा आपने i सस्नेह i

Comment by khursheed khairadi on February 10, 2015 at 11:37pm

आदरणीय आनंद मूर्थी जी |उम्दा ग़ज़ल हुई है |सादर अभिनन्दन |

Comment by Hari Prakash Dubey on February 10, 2015 at 7:23pm

कब तक मनाऊँ मैं, वो अक्सर रूठ जाते हैं
पढ़कर हमीं को ,दोस्त पुराने लूट जाते है|....

शुभकामनायें , आपको !

Comment by maharshi tripathi on February 10, 2015 at 5:07pm

अच्छी प्रयास पर आपको बधाई |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 10, 2015 at 11:35am

आदरणीय , एक अच्छा प्रयास के लिये बधाइयाँ । 

Comment by Dr. Vijai Shanker on February 10, 2015 at 6:31am
सुन्दर प्रयास , बधाई, सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 10, 2015 at 12:58am

प्रयास और प्रस्तुति पर बधाई. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service