For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जिन्दा रखना - लघुकथा

सुकन्या भारतीय वायुसेना में नौकरी के पहले दिन तैयार होते ही भागी भागी आयी और अपनी माँ मधु को एक सैल्यूट करते हुए कहा, "माँ देखो, तुम्हारा सपना, तुम्हारे सामने| अब और क्या चाहिये तुम्हे?"

मधु की आखों में चमक के साथ साथ आंसू भी आ गये| उसने कहा, "एक वादा और चाहिये, बेटे| यदि तेरे भी बेटी हुई और तेरा पति और सास उसकी हत्या करने की कोशिश करे, तो तू मेरे जैसे अपनी बेटी को लेकर भाग मत आना| तेरी बेटी की रक्षा करने का कोई न कोई तरीका तुझे तेरे अफसर सिखा ही देंगे|"

(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 738

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vandana on February 3, 2015 at 7:30am

खूबसूरत सन्देश आदरणीय 

Comment by kanta roy on February 2, 2015 at 11:44am
बेहतरीन कथा के लिए बहुत बहुत बधाई आ. चंद्रेश जी
Comment by shalini kaushik on February 1, 2015 at 10:37pm
very nice .

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 1, 2015 at 12:24pm

बहुत सुंदर, प्रेरणादायक, सकारात्मक लघुकथा हेतु बधाई आदरणीय चंद्रेश जी.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on February 1, 2015 at 9:04am

बहुत सार्थक लघुकथा है चंद्रेश जी बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by विनय कुमार on February 1, 2015 at 12:45am

एक सकारात्मक लघुकथा हेतु बधाई आदरणीय चंद्रेश कुमार छतलानी जी..

Comment by vijay on January 31, 2015 at 10:47pm
बेहतरीन गद्य
Comment by विनोद खनगवाल on January 31, 2015 at 5:56pm
माँ की भावनाओं को बहुत ही सादगी से उकेरा है। बेटी को मारने वाले ज्यादा और बचाने वाले कम हैं। बधाई स्वीकारें आदरणीय चंद्रेश जी।
Comment by Shyam Mathpal on January 31, 2015 at 2:54pm

Aadarniya chandresh ji,

Prenadayak rachna ke liye badhai. Aaj Soch badalne ki jarurat hai.

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on January 31, 2015 at 12:16pm

बहुत सुंदर, प्रेरणादायक लघुकथा आदरणीय चंद्रेश जी. हार्दिक बधाई स्वीकारें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service