For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गीत (कल्पना मिश्रा बाजपेई)

बंसी का बजाना खेल भी है

गिरिवर का उठाना खेल नहीं

भक्तों के भारी संकट में

दुख दर्द मिटाना खेल नहीं है !!

 

एक विप्र सुदामा आया था

वो भेंट में तंदुल लाया था

पल भर में ही दीन दुखी को

धनवान बनाना खेल नहीं !!

 

कौरव दल द्रुपद दुलारी की

सुन कर पुकार दुखियारी की

दो गज की सारी में देखो

अंबार लगाना खेल नहीं !!

 

था कंस बड़ा अत्याचारी

देता था सबको दुख भारी

उसको जा मारा मथुरा में

दुष्टों को घटाना खेल नहीं !!

 

बंसी का बजाना खेल भी है

गिरिवर का उठाना खेल नहीं

 

कल्पना मिश्रा बाजपेई

(मौलिक व अप्रकाशित)  

 

 

 

Views: 3405

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Santlal Karun on August 20, 2014 at 6:26pm

आदरणीया कल्पना जी ,

भक्तिभाव में नवीन संवेदना के पुट से रचना आकर्षक लगी, हार्दिक साधुवाद एवं सद्भावनाएँ ! --

"कौरव दल द्रुपद दुलारी की

सुन कर पुकार दुखियारी की

दो गज की सारी में देखो

अंबार लगाना खेल नहीं !!"


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 20, 2014 at 4:26pm

पिछले दिनों नेट उपलब्ध न होने के कारण पढ़ नहीं पाई थी ,सबसे पहले आपको श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दूसरे इस उपलक्ष में इतनी सुन्दर प्यारी रचना के लिए बधाई प्रिय कल्पना जी.  

Comment by वेदिका on August 20, 2014 at 1:48am
श्री कृष्ण की भक्तिभाव से की गयी रचना पर हार्दिक बधाई

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 19, 2014 at 8:11am

आदरणीया कल्पना जी , समय के अनुरूप भगवान श्री कृष्ण पर बहुत अच्छा गीत लिखा है आपने , बधाइयां !

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 18, 2014 at 9:46pm

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुती. बधाई आपको आदरणीया कल्पना दीदी

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 18, 2014 at 9:17pm

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्णा को मनाना  खेल नहीं हार्दिक शुभकामनायें और बधाई  आदरणीया!

Comment by kalpna mishra bajpai on August 18, 2014 at 8:33pm

आ० annapurna bajpai मैडम  हार्दिक आभार /सादर 

Comment by kalpna mishra bajpai on August 18, 2014 at 8:32pm

आ० Meena Pathak मैडम  हार्दिक आभार /सादर 

Comment by kalpna mishra bajpai on August 18, 2014 at 8:32pm

आ० Laxman Prasad Ladiwala सर हार्दिक आभार /सादर

Comment by kalpna mishra bajpai on August 18, 2014 at 8:31pm

आ०laxman dhami   सर हार्दिक आभार /सादर  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
21 hours ago
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service