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"नूर" की ग़ज़ल -देख तेरा जो हाल है प्यारे

२१२२ १२१२ २२/११ २  
.
देख तेरा जो हाल है प्यारे
ज़िन्दगी का सवाल है प्यारे.
.

लोग मुर्दा पड़े हैं बस्ती में,
बस तुझी में उबाल है प्यारे.
.

आम कहता है ख़ुद को जो इंसाँ,
उसकी रंगत तो लाल है प्यारे.
.

उसकी थाली में मुझ से ज़्यादा घी,
बस यही इक मलाल है प्यारे. 
.

हम ने अपना लहू भी वार दिया,
सबको लगता गुलाल है प्यारे.   
.

ख़ाक ही ख़ाक बस उड़ेगी अब,
ये हवाओं की चाल है प्यारे. 
.

अब तो उम्मीद भी है नाउम्मीद, 
क्या ही अच्छा ये साल है प्यारे.
.

कैसे करवाए वो रफ़ू पैबंद,
पैरहन जिसका, ख़ाल है प्यारे.
.

हो गए रोंगटे खड़े तेरे,
ये ग़ज़ल का कमाल है प्यारे.
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
निलेश "नूर"
मौलिक व अप्रकाशित

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Comment

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सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on June 7, 2014 at 2:08pm

सभी अशआर सुन्दर हुए हैं आ० नीलेश जी 

हार्दिक बधाई 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 7, 2014 at 9:46am

वाह! बहुत बढ़िया गजल कही है आपने. वर्तमान में बिलकुल फिट बैठते शेर हुए

उसकी थाली में मुझ से ज़्यादा घी,
बस यही इक मलाल है प्यारे.............बहुत खूब, आजकल यही सोच सबसे बड़े दुःख का कारण है , दिली बधाई आपको आदरणीय निलेश जी.
.

Comment by Nilesh Shevgaonkar on June 6, 2014 at 8:17pm

शुक्रिया शिज्जू जी ...
मै ग़ज़ल कहूँ इतनी कहाँ सलाहियत मुझमे ..
गजल ही कभी कभी मुझे कह लेती है :)


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on June 6, 2014 at 7:38pm

//लोग मुर्दा पड़े हैं बस्ती में,
बस तुझी में उबाल है प्यारे//.आदरणीय निलेश भाई ये शेर आप पर खूब लागू होता है :-)

बहुत खूब निलेश भाई बेहतरीन गज़ल है लाजवाब बहुत बहुत बधाई 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on June 6, 2014 at 12:38pm

शुक्रिया डॉ गोपाल नारायण जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on June 6, 2014 at 12:38pm

शुक्रिया नरेंद्र सिंह जी 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on June 6, 2014 at 12:37pm

शुक्रिया सुशिल जी 

Comment by Sushil Sarna on June 6, 2014 at 12:23pm

कैसे करवाए वो रफ़ू पैबंद,
पैरहन जिसका, ख़ाल है प्यारे.…… वाआआआआआआअह बहुत सुंदर अशआर है ....... हार्दिक बधाई

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on June 6, 2014 at 11:41am

उसकी थाली में मुझसे ज्यादा घी -- और कमाल का मक्ता i मुबारक हो i

Comment by Nilesh Shevgaonkar on June 6, 2014 at 11:03am

शुक्रिया आदरणीय 

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