For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल – फूल की ख़ुशबू को हम यूं भी लुटा देते हैं

ग़ज़ल


फाइलातुन फ़इलातुन फ़इलातुन फैलुन 
२१२२   ११२२    ११२२   २२ 

फूल की ख़ुशबू को हम यूं भी लुटा देते हैं |
करते हैं इश्क़ ज़माने को बता देते है |

एक चिंगारी है सीने में हवा देते हैं |
हम ग़ज़ल कहते हुए ख़ुद को सज़ा देते हैं |

जिसकी शाखों पे घरौंदों में मुहब्बत ज़िंदा ,
ऐसे पेड़ों को परिंदे भी दुआ देते हैं |

इश्क़ लहरों से अगर है तो क़िला गढ़ना क्या ,
रेत के घर को बनाते हैं मिटा देते हैं |

हम भी शेरों में बयाँ करते हैं अफ़साने को ,
और अफ़साने को तारीख़ी बना देते हैं |

हो यकीं ख़ुद पे तो सैलाबों को रुकना होगा ,
हौसले वालों को रस्ता भी ख़ुदा देते हैं |

* मौलिक एवं अप्रकाशित

- अभिनव अरुण

Views: 743

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Neeraj Neer on March 23, 2014 at 5:22pm

बहुत सुन्दर ग़ज़ल आदरणीय 

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on March 23, 2014 at 4:14pm

इश्क़ लहरों से अगर है तो क़िला गढ़ना क्या ,
रेत के घर को बनाते हैं मिटा देते हैं | 

हो यकीं ख़ुद पे तो सैलाबों को रुकना होगा ,
हौसले वालों को रस्ता भी ख़ुदा देते हैं |  

वाह, बहुत खूब |
अच्छी ग़ज़ल आदरणीय अभिनव जी |

Comment by Ajay Agyat on March 23, 2014 at 3:15pm

बहुत खूब 

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on March 23, 2014 at 2:51pm

अच्छे अश'आर हुए हैं अभिनव जी, दाद कुबूल करें 

Comment by Abhinav Arun on March 23, 2014 at 10:56am
बहुत शुक्रिया और आभार आदरणीय गुमनाम जी , आदरणीया राजेश जी , वंदना जी ,!!
Comment by vandana on March 23, 2014 at 7:05am


जिसकी शाखों पे घरौंदों में मुहब्बत ज़िंदा ,
ऐसे पेड़ों को परिंदे भी दुआ देते हैं |

इश्क़ लहरों से अगर है तो क़िला गढ़ना क्या ,
रेत के घर को बनाते हैं मिटा देते हैं |

कमाल कमाल कमाल की शायरी है आदरणीय 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 22, 2014 at 9:38pm

आश्चर्य !!!जिस बहर पे मैंने अपनी ग़ज़ल अभी पोस्ट की उसी बहर पर आपकी ग़ज़ल देख रही हूँ :-)))))

जिसकी शाखों पे घरौंदों में मुहब्बत ज़िंदा ,
ऐसे पेड़ों को परिंदे भी दुआ देते हैं |----क्या कहने बहुत सुन्दर 

सभी शेर एक से एक बढ़ कर ...तहे दिल से दाद कबूलें अभिनव जी. 

Comment by gumnaam pithoragarhi on March 22, 2014 at 8:40pm

wah wah sir badhai khoob gazal kahi hai

Comment by Abhinav Arun on March 22, 2014 at 6:30pm
हार्दिक आभार आदरणीय श्री गिरिराज भंडारी जी !

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 22, 2014 at 6:12pm

आ. अरुण अभिनव भाई , एक और खूब सूरत ग़ज़ल के किये आपको हार्दिक बधाइयाँ ॥

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service