For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सुनो
क्या कहती हैं
माताएं , बहने , सखी सहेलियाँ
वक्त बदल चुका है
सुनना , समझना और विमर्श कंरना
सीख लो
स्वामित्व के अहंकार से
बाहर निकलो
सहचर बनो
सहयात्री बनो
नहीं तो ?
हाशिये पे अब 
तुम होगे
हमारे पाँव जमीं पर हैं
और  इरादे मजबूत
सोच लो ?

मौलिक व् अप्रकाशित

Views: 700

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Madan Mohan saxena on December 11, 2013 at 5:27pm
बहुत सार्थक भाव.

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 26, 2013 at 11:39am

हाशिये पे अब  
तुम होगे
हमारे पाँव जमीं पर हैं
और  इरादे मजबूत
सोच लो ?.................वाह ! वाह! 

ये ज़ज्बा हो तो अपने अस्तित्व को तलाशती नारी हर जंग जीत ले ..:))

हार्दिक शुभकामनाएं 

Comment by vijay nikore on September 23, 2013 at 6:22pm

इस सुन्दर रचना के लिए हार्दिक बधाई।

सादर,

विजय निकोर

Comment by अरुन 'अनन्त' on September 23, 2013 at 5:48pm

बिलकुल ठीक आदरणीया महिमा श्री जी इसी सोच की जरुरत है नारियों को सुन्दर संदेशात्मक प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकारें.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 23, 2013 at 4:10pm

चेतावनी में मजबूत इरादों के साथ जोश दिखाई दे रहा है | यह भी सही है कि अन्याय सहने की भी सीमा होती है |

इसमें आप सफल रही है | बधाई 

Comment by राजेश 'मृदु' on September 23, 2013 at 12:50pm

आदरेया, आप तो डरा रही हैं । कभी-कभी कुछ प्रार्थनाएं यदि बहुत तेजी से पढ़ी जाएं तो लगता है कि भक्‍त भगवान की अर्चना नहीं बल्कि उन्‍हें धमका रहा हो । हाशिए पर कोई ना रहे यही कामना है, सादर

Comment by Meena Pathak on September 22, 2013 at 8:03am

बहुत सुन्दर .. बधाई आप को 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 21, 2013 at 11:32pm

बहुत सुंदर व्  सार्थक रचना, बहुत बहुत बधाई आदरणीया महिमा जी

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on September 21, 2013 at 7:59pm

स्वामित्व के अहंकार से
बाहर निकलो
सहचर बनो
सहयात्री बनो
नहीं तो ?
हाशिये पे अब  
तुम होगे

सुन्दर रचना ..अच्छी चेतावनी ....बदलाव जरुरी है अन्याय कब तक सहा जाए
महिमा जी जय श्री राधे
भ्रमर ५

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 21, 2013 at 4:52pm

इस चेतावनी का जवाब नहीं..वाकई शानदार..सादर बधाई के साथ 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
4 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service