For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

छन्न पकैया : अविनाश बागडे

छन्न पकैया छन्न पकैया ,पढ़ते दांत पहाडा।
खड़ा हुआ है सर के ऊपर , डंडा लेकर जाड़ा।।

छन्न पकैया छन्न पकैया,पार तभी हो नाव।
सर्द हवा के बीच रात में, जलता रहे अलाव।।

छन्न पकैया छन्न पकैया,ठिठुर रहें फुटपाथ।
काली कुतिया साथ ठिठुरती,सोती है जो साथ।।

छन्न पकैया छन्न पकैया,नहीं गल रही दाल।
शीत युद्ध के चलते पहनो,स्वेटर मफलर शाल।।

छन्न पकैया छन्न पकैया,सड़कें हैं सुनसान।
ऊपर वाले का कर्फ्यू है ,लो अच्छे से जान।।

छन्न पकैया छन्न पकैया,कहता है अविनाश।
कोहरा इतना गहरा है कि ,दिखे नहीं आकाश।

  • अविनाश बागडे

Views: 2150

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr.Ajay Khare on December 17, 2012 at 2:17pm

chann pakiya chann pakiya so jao pi ke madira chat jayegi kohra dhundh chat jayenge badra .chan pakaiya sunder rachana badhai Avinash ji 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 17, 2012 at 10:04am

छन्न पकैया छन्न पकैया,ठिठुर रहें फुटपाथ।
काली कुतिया साथ ठिठुरती,सोती है जो साथ।।----सभी छन्न पकैया सर्दी में  खूब पक  रहे हैं ---इस छन्न पकैया में सोती उनके साथ करें तो बेहतर भाव बनेगा वरना सोचनेवाले कुछ और भी सोच सकते हैं :):)

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on December 16, 2012 at 10:02pm

बहुत ही उम्दा छन्न पकैया लिखे हैं आदरणीय अविनाश सर, हार्दिक बधाई स्वीकार करें


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on December 16, 2012 at 9:26pm

भाई अविनाश जी , जाड़े पर बेहतरीन दृश्य खिंच कर छन्न पकैया लिखे है, मजा आ गया, वाह !!!!!!!!!
छन्न पकैया ,छन्न पकैया , वाह वाह अविनाश
अंगीठी के निकट बैठ कर,आओ खेलें ताश ।।

Comment by SUMAN MISHRA on December 16, 2012 at 1:49pm

mast ho gaye ham to padhkar.....har pankti gahre arth ke saath badahi


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 16, 2012 at 1:29pm

’छन्न पकैया’ के राग पर आपने ठंढ का अच्छा गीत गाया है, अविनाश भाईजी.

हार्दिक शुभकामनाएँ

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 16, 2012 at 1:18pm

आदरणीय सर जाड़े का सम्पूर्ण विवरण समाहित है, सुन्दर प्रस्तुति बधाई स्वीकारें

Comment by Anwesha Anjushree on December 16, 2012 at 12:18pm

:)

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on December 16, 2012 at 11:05am

बहुत सुन्दर छन्न पकैया पकाई है सर जी
सादर प्रणाम सहित ढेरों बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
19 hours ago
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service