For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कह मुकरियाँ

एक प्रयास किया है मुकरियाँ लिखने का दोस्तों आशा करता हूँ मार्गदर्शन मिलेगा

जब आती है नए ख्वाब दिखाती है
फिर अपनी बात से ही मुकर जाती है
उसको होती नहीं फिर हमारी दरकार
क्या मित्र सजनी ??? ना मित्र सरकार

जब आती है कली कली खिल जाती है
भंवरों के गुन्जन को गती मिल जाती है
उसके आने से मिल जाए दिल को करार
क्या मित्र सजनी ??? ना मित्र बहार

उसके बिना सब फीका सा लगता है
छप्पन भोग भी नीका न लगता है
उसकी कमी को पूरा करेगा कौन
क्या मित्र सजनी ???ना मित्र लोन (नमक)


गर्मियों मैं सुबह जल्दी आ जाती है
सारा दिन वो मेरी जान जलाती है
मुश्किल से जाती है होते ही शाम
क्या मित्र सजनी ??? ना मित्र घाम (धूप)

उसे चूमे चूसे बिना मजा नहीं आता है
उसके आगे तो सब फीका हो जाता है
बाग़ में जाता हूँ मजा लेने हर शाम
क्या मित्र सजनी ??? ना मित्र आम

टूट जाती है नींद जब वो आते हैं
कभी मीठे बेन औ कभी डराते है
उनसा नहीं कोई दूजा है अपना
क्या मित्र सजनी ??? ना मित्र सपना

संदीप पटेल "दीप"

Views: 524

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 19, 2012 at 4:01pm

धन्यवाद आदरेया सीमा जी !


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 18, 2012 at 9:41am

सुन्दर प्रयास किया है संदीप जी जब मैंने लिखी थी मुझसे भी गलतियां हुई थी अब इसके बाद जो लिखोगे धमाल लिखोगे यही तो ओ बी ओ की खासियत है 

Comment by Rekha Joshi on July 17, 2012 at 3:29pm

आदरणीय संदीप जी 

जब आती है कली कली खिल जाती है
भंवरों के गुन्जन को गती मिल जाती है
उसके आने से मिल जाए दिल को करार
क्या मित्र सजनी ??? ना मित्र बहार ,वाह क्या बात है ,बहुत बढ़िया ,बधाई 
Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on July 15, 2012 at 9:39pm

उसे चूमे चूसे बिना मजा नहीं आता है 
उसके आगे तो सब फीका हो जाता है 
बाग़ में जाता हूँ मजा लेने हर शाम
क्या मित्र सजनी ??? ना मित्र आम 

बहुत सुन्दर संदीप जी ....कोशिशें रंग लाती ही हैं ..बाग़ में धमाल 

जय श्री राधे 
भ्रमर ५ 

 

Comment by AVINASH S BAGDE on July 14, 2012 at 11:21pm


क्या मित्र सजनी ??? ना मित्र बहार ...nice kah-mukariya

उसे चूमे चूसे बिना मजा नहीं आता है 
उसके आगे तो सब फीका हो जाता है 
बाग़ में जाता हूँ मजा लेने हर शाम
क्या मित्र सजनी ??? ना मित्र आम 

संदीप पटेल "दीप"ji wah..

 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on July 14, 2012 at 6:17pm
प्रिय संदीप जी
सुन्दर प्रयास है, कह मुकरी लिखने का, बस मात्राएँ १६-१६ साध लें, बहुत आसानी से ये मुकरियाँ शिल्पगत और गेय हो जाएँगी. बधाई इस प्रयास के लिए.
Comment by Er. Ambarish Srivastava on July 14, 2012 at 4:33pm

मित्र संदीप जी,  कह-मुकरी की प्रत्येक पंक्ति में १६ मात्राएँ अनिवार्य होने के साथ-साथ कह कर मुकर जाना अति आवश्यक होता है|  आपका प्रयास बहुत अच्छा है ....जिसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई !  आपकी सुविधा के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत है ....

जब भी आती ख्वाब दिखाती                १६ मात्रा
मुकरे निज से फिर भी भाती                 १६ मात्रा
जिसके बिना न हिलता पत्ता                 १६ मात्रा
क्या वह सजनी ? नहिं यह सत्ता !     १६ मात्रा

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
57 minutes ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
2 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
3 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।... मतले पर…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी आदाब अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ, कुछ सुझाव पेश…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"ऐसे😁😁"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
17 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service