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नेता की शादी में
---------------------
नेता की शादी में
गरीब भी आये
पानी भरे -अंखियों से
लड्डू- मन में खाए !
-----------------------
डांट खाए दुत्कार
कुत्ते के पीछे वे
गालियों का प्रसाद
झोली भर लाये !
----------------------
चकाचौंध फुलझड़ी
नींद में सताए
बिटिया जवान हुयी
कब तक छिपाए !
---------------------
बेटे ने देख लिया
नेता का डेरा
मोह हम से कम हुआ
छोरा-छिछोरा !
---------------------------
तोते सा बोले वो
मन का मगरमच्छ है
आँखों में झांके तो
जान चली जाए !
-------------------------------
'इस' नेता 'उस' नेता
कितना फरक है
'जान' था हमारा 'वो'
'ये' तो 'जहर' है !
------------------------------
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल "भ्रमर' ५
८.१०-८.२५ पूर्वाह्न
कुल्लू एच पी ८.५.१२

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Comment

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Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 21, 2012 at 2:44pm

बहुत सुन्दर रचना सर जी ..........बधाई हो


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on May 21, 2012 at 1:16pm

//'इस' नेता 'उस' नेता
कितना फरक है
'जान' था हमारा 'वो'
'ये' तो 'जहर' है ! //

वाह वाह वाह - आनंद आ गया भ्रमर जी। बधाई स्वीकार करें।


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 21, 2012 at 10:11am

बहुत खूब भ्रमर जी, कम शब्दों में बड़ी बात कह दी, बधाई स्वीकार करें |

Comment by आशीष यादव on May 21, 2012 at 7:42am
कमाल की एवँ सामयिक रचना। बधाई

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 20, 2012 at 3:37pm

बात की बात में बात बनती गयी और क्या-क्या न कह दिया ! वाह !

बधाई हो, भ्रमरजी.

Comment by Rekha Joshi on May 20, 2012 at 11:09am

Surendra ji,

'इस' नेता 'उस' नेता 

कितना फरक है 

'जान' था हमारा 'वो'

'ये' तो 'जहर' है !

bahut badhdiya ,badhai


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 20, 2012 at 8:39am

डांट खाए दुत्कार 

कुत्ते के पीछे वे 

गालियों का प्रसाद 

झोली भर लाये !

-----

इस' नेता 'उस' नेता 

कितना फरक है 

'जान' था हमारा 'वो'

'ये' तो 'जहर' है !

सुरेन्द्र  कुमार शुक्ल  जी बहुत गहरे प्रहार कर रही हैं आपकी ये क्षणिकाएं दिल पर सभी एक से बढ़कर एक हैं 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on May 20, 2012 at 4:29am

'इस' नेता 'उस' नेता 

कितना फरक है 

'जान' था हमारा 'वो'

'ये' तो 'जहर' है !

मत घबराओ भ्रमर भाई, यही तो शहर है!

Comment by डॉ. सूर्या बाली "सूरज" on May 19, 2012 at 11:17pm

सुरेन्द्र भाई यार आप तो कमाल की विधाएँ निकाल रहे हो ! इतनी बड़ी बड़ी बाते ...चंद शब्दों में कमाल है।

'इस' नेता 'उस' नेता 

कितना फरक है 

'जान' था हमारा 'वो'

'ये' तो 'जहर' है !

वाह क्या बात है ! बहुत बहुत बधाई !!

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