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जन्माष्टमी के दोहे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

वाणी ने आकाश से, किया यही उद् घोष
सँभलो पापी कंस अब,घट से बाहर दोष।१।
*
मथुरा में  पर  कंस  का, घटा न अत्याचार
विवश हुए अवतार को, जग के पालनहार।२।
*
बहन देवकी, तात को, मिला कंस से कष्ट
हरे सकल दुख ईश  ने, बन कर पुत्र अष्ट।३।
*
लीला अंशों की तजी, लिया पूर्ण अवतार
स्वयं खुल गये  तेज  से, कारागृह के द्वार।४।
*
हुई विवश माँ देवकी, तज ने को मजबूर
छोड़ यशोदा  गेह  में, किया  कंस से दूर।५।
*
गोकुल आकर कृष्ण ने, दिया सभी को हर्ष
जनमानस  से  कंस ने, किन्तु  बढ़ाया कर्ष।६।
*
वत्सासुर सह पूतना, चले अघासुर काल
बकासुर, तृणावर्त भी, वध करने गोपाल।७।
*
शकटासुर या कालिया, धेनुक और प्रलंब
कान्हा ने सब मारकर, तोड़ा हर अवलम्ब।८।
*
किया इन्द्र अभिमान कम, गोवर्धन को धार
इस कारण जग गा  रहा, महिमा अपरम्पार।९।
*
किया कंस को छोड़ जब, कान्हा का शृंगार
भक्ति भाव ने  कर  दिया, कुब्जा का उद्धार।१०।
*
कालयवन से जान कर, स्वयं हुए रणछोड़
मद में डूबा कर  गया, काल, काल से होड़।११।
*
मार कंस को फिर किया, मथुरा का उद्धार
पाया नाना  साथ  ही, दो  माँओं  का प्यार।१२।
*
संशय अर्जुन का हरा, जिस गीता उपदेश
करो कर्म निष्काम सच, मानव को आदेश।१३।
*
नंदक जिनका खड्ग है, नाम धनुष सारंग
गदा धरें  कौमौदकी,  'पांचजञ्य'  के संग।१४।
*
रथ हैं जिनके पास में, जैत्र , गरुढ़ध्वज नाम
दारुक उन  का  सारथी, सदा  रहा निष्काम।१५।
*
चक्र सुदर्शन,  पाशुपत,  कान्हा  के दिव्यास्त्र
महिमा चौदह लोक में, कहते जिनकी शास्त्र।१६।
*
मौलिक/अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

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Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 4, 2021 at 1:33pm

आ. भाई तेजवीर जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद।

Comment by TEJ VEER SINGH on August 31, 2021 at 6:01pm

हार्दिक बधाई आदरणीय लक्ष्मण धामी मुसाफ़िर जी। बेहतरीन दोहे।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 31, 2021 at 2:31pm

आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद।

Comment by Sushil Sarna on August 31, 2021 at 11:46am
आदरणीय लक्ष्मण धामी जी समयानुसार बहुत सुंदर प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई सर
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 31, 2021 at 7:55am

आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति व उत्साहवर्धन के लिए आभार। 

Comment by Samar kabeer on August 30, 2021 at 6:10pm

जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब, अच्छे दोहे लिखे आपने, बधाई स्वीकार करें ।

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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय."
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"सादर"
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