For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पर्व गुरुओं का मनाते आज हम -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२


पर्व गुरुओं  का  मनाते आज हम
और मन के पास आते आज हम।१।
*
पुष्प भावों के  चढ़ाते आज हम 
शीष श्रद्धा से झुकाते आज हम।२।
*
है मिला हर ज्ञान उन से ही हमें
मान उनको दे जताते आज हम।३।
*
सीख उनकी आचरण में ढालकर
कर्ज किंचित यूँ चुकाते आज हम।४।
*
आब भर कर है सितारों सा किया
हर चमक उन से, बताते आज हम।५।
*
ज्ञान दाता  बढ़  बिधाता  से हैं तो
यश उन्हीं का गा सुनाते आज हम।६।
*
दीप सा जलना जो सीखा उनसे है
तब कहीं तम यूँ मिटाते आज हम।७।
*
भेद का हर भाव मेटा मन से तब
धर्म मानव का निभाते आज हम।८।
*


मौलिक/अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

Views: 884

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 10, 2021 at 4:58pm

आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 10, 2021 at 4:55pm

आ. भाई बृजेश कुमार जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति व उत्साहवर्ध न के लिए धन्यवाद।

Comment by Chetan Prakash on September 10, 2021 at 4:38pm

आदाब,  भाई  लक्ष्मण सिंह मुसाफिर,  अच्छी  ग़ज़ल हुई  है ! गुरुवर  मात्र  समर्पण के आकांक्षी होते  हैं, शेष तो बस कृपा  बरसती है । ग़ज़ल  हेतु  आप 

भाई  के पात्र  हैं ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on September 10, 2021 at 10:43am

उत्तम ग़ज़ल कही आदरणीय धामी जी...

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 9, 2021 at 12:25pm

आ. भाई आशीष जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद।

Comment by आशीष यादव on September 8, 2021 at 10:23pm

शिक्षक दिवस पर अच्छी गजल हुई है।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 7, 2021 at 5:30pm

आ. भाई समर जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति व स्नेह के लिए आभार ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 7, 2021 at 5:29pm

आ. भाई मनोज कुमार जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति व सलाह के लिए हार्दिक धन्यवाद।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on September 7, 2021 at 5:28pm

आ. भाई अमीरूद्दीन जी, सादर अभिवादन । गजल पर उपस्थिति के लिए हार्दिक धन्यवाद। आपका सुझाव अच्छा है इससे बात अधिक स्पष्ट हो गयी है । सादर..

Comment by Samar kabeer on September 6, 2021 at 12:34pm

जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब, शिक्षक दिवस पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है, बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
1 hour ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
1 hour ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
2 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
3 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
5 hours ago
Profile IconSarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
yesterday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service