For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"थोपी क्षमा" - [लघु कथा - 17]

"थोपी क्षमा" - (लघु कथा)

कक्षा में पीछे बैठे हुए मित्र को मोबाइल पर चित्र दिखा रहे छात्र को शिक्षक ने रंगे हाथों पकड़ लिया। छात्र ने फुर्ती से मोबाइल दूसरे मित्र तक पहुँचा दिया और पूरी कक्षा के सामने शिक्षक को झूठा-शक्की करार दे दिया। दो थप्पड़ मार कर शिक्षक ने उससे सच बोलने को और 'क्षमा' माँगने को कहा, किन्तु छात्र ने शिक्षक का हाथ सख्ती से पकड़ लिया। शिक्षक उसे खींचता हुआ कक्षा से बाहर 'प्राचार्य-कक्ष' की ओर ले जाने लगा।

"तुम क्या ले जाओगे मुझे, मैं लिये चलता हूँ तुम्हें प्रिंसिपल के पास !" धमकाते हुये छात्र शिक्षक को खींचते हुये ऑफिस की तरफ़ ले गया । प्राचार्य कक्ष में हाथ मोड़कर कराहते हुये छात्र ने और फिर हैरान शिक्षक ने अपनी अपनी बात रखी। छात्र के हाथ में तकलीफ के मद्देनजर शिक्षक को अधिक दोषी माना गया।

"देखिए वर्मा जी, संस्था में किसी छात्र पर हाथ उठाना या मारपीट करना सख़्त मना है, आप तय कर लें कि संस्था में नियमानुसार काम करना है या नहीं।" प्राचार्य की यह चेतावनी आज के "शिक्षा व्यवसाय" को परिभाषित कर रही थी ।

"क्षमा कीजिएगा, ग़लती हो गई, आईन्दा कोई शिकायत का मौका नहीं दूंगा।" यह कहते हुए 'व्यवहारिकता' को परिभाषित कर आर्थिक तंगी झेल रहा शिक्षक अपने 'मूल्य' से वाक़िफ़ हो गया।

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 501

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 17, 2015 at 11:48am
आदरणीया राजेश कुमारी जी और आदरणीय Dr. Vijai Shanker जी, मेरी रचनाओं पर सतत् उपस्थिति देकर समीक्षा टिप्पणी करने व प्रोत्साहन देने के लिए तहे दिल बहुत बहुत धन्यवाद आपको।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 17, 2015 at 10:57am

आज की शिक्षा प्रणाली पर जोरदार तंज ...एक वक़्त था जरा सी गलती पर टीचर के डंडे पड़ते थे मुर्गा बनाए जाते थे डर से बच्ची भी अनुशासन में रहकर पढ़ाई करते थे ..आज की तो बस मत पूछिए ...स्कूल  कालेजों में टीचरों के हाथ बाँध दिए गए हैं |मानव अधिकार का ऐसा दुरूपयोग यहीं देखने को मिलता है |अच्छी लघु कथा के लिए हार्दिक बधाई आपको आ० शेख़ उस्मानी जी 

Comment by Dr. Vijai Shanker on October 14, 2015 at 7:26pm
हालात- ए- तालीम पर कहानी के लिए बधाई , आदरणीय शेख सहजाद उस्मानी जी।
पढ़ - लिख कर एक ही बात समझ में आती है कि तालीम के हालात तो ये हैं कि उन पर बात न ही की जाए तो ही अच्छा है।
एक हम ही तो हैं दुनिया में जो यह सिद्ध करते रहते हैं कि दुनियाँ में किसी भी सफलता के लिए शिक्षा बिलकुल जरूरी नहीं है। कोई शक ?
सादर।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 14, 2015 at 12:57pm
हार्दिक धन्यवाद आदरणीय Tej Veer Singh जी रचना पर सकारात्मक टिप्पणी करने हेतु।
Comment by TEJ VEER SINGH on October 14, 2015 at 12:10pm

बधाई शेख उस्मानी  जी!आधुनिक शिक्षा प्रणाली पर कठोर प्रहार!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Jul 8
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service