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दो वैचारिक अतुकांत --1- टूटता भ्रम और 2-मिसाइलें

1-    टूटता भ्रम

धराशायी हो जायेंगी आपकी धारणायें ,

छिन्न- भिन्न- सा होता प्रतीत होगा आपको

आपके रिश्तों का सच

 

एक बार , बस एक बार

उस झूठ के खिलाफ खड़े हो जाइये

डट कर चट्टान की तरह

जिसे बहुमत ने सच माना है

 

टूट जायेगा आपका भ्रम  

आपके चारों तरफ भी भीड़ होने का

अपने पीछे अचानक प्रकट हुये शून्य को देख कर

 

ये बात और कि लड़ाइयाँ केवल इसीलिये नहीं लड़ी जातीं

कि , हम जीतें

ये जानने के लिये भी कभी लड़ी जाती है

कौन कहाँ है , हम क्या हैं , कहाँ खड़े हैं ,

कहाँ है वो क़समें खाने वाले तथा कथित हमारे रिश्ते

 

झूठ से पेट पालने वाले सत्य की लड़ाई में आयें भी कैसे

छोड़िये भी ।

    

-----------------------------------

2 – मिसाइलें

 

मिसाइलें खूब हैं आपके पास

एक से एक विध्वंसकारी

तबाहो बरबाद कर सकते हैं आप किसी को भी

मिनटों में

तो चला ही देंगे आप

बिना अपराध जाने ,

सज़ा भी तो सम्यक और औचित्यपूर्ण होनी चाहिये

है , कि नही ?

और हाँ

शब्द भी तो मिसाइल की तरह विध्वंसकारी प्रभाव रख्ते हैं 

एक रिश्ते के लिये ।

**************

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 27, 2016 at 8:46pm

आदरणीय हर्ष भाई , हौसला अफज़ाई का बेहद शुक्रिया ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 27, 2016 at 8:46pm

आदरणीय श्याम नाराइन भाई , आपका हृदय से आभार ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 27, 2016 at 8:45pm

आदरणीय सुरेश भाई , उत्साह वर्धन के लिइये आपका हार्दिक  आभार ।

Comment by Sushil Sarna on June 27, 2016 at 8:41pm

१. झूठ से पेट पालने वाले सत्य की लड़ाई में आयें भी कैसे
छोड़िये भी ।

२. शब्द भी तो मिसाइल की तरह विध्वंसकारी प्रभाव रख्ते हैं
एक रिश्ते के लिये ।

बहुत सुंदर और सत्य के करीब इन प्रस्तुतियों के लिए हार्दिक बधाई आ. गिरिराज जी भाई साहिब।

Comment by Harash Mahajan on June 27, 2016 at 2:18pm

आ) श्री गिरि राज भंडारी जी--खूब रही अति सुंदर !!,दाद सर !!

सादर !!


Comment by Shyam Narain Verma on June 27, 2016 at 10:57am

शब्द भी तो मिसाइल की तरह विध्वंसकारी प्रभाव रख्ते हैं 

क्या बात है .... बहुत उम्दा | बधाई आप को     सादर।
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on June 27, 2016 at 9:02am
आदरणीय श्री गिरि राज भंडारी जी बहुत ही सुन्दर रचना है । बधाई हो ।

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