For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“भारतीय कुत्ता” (लघुकथा)

“अरे यार ओबामा साहब के रास्ते में कुत्ता आ गया, सुरक्षा व्यवस्था में भयंकर चूक हो गयी, अगर उसमें बम लगा होता तो?”

“कुछ नहीं यार “भारतीय कुत्ता” था, जान दे देता पर ओबामा साहब को कुछ नहीं होने देता, यार देश की इज्ज़त का सवाल था आखिर ।" जय हिन्द !

 

हरि प्रकाश दुबे

"मौलिक व अप्रकाशित

Views: 1101

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on January 27, 2015 at 7:28pm

शिशिर जी , आपका धन्यवाद ! सादर 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on January 27, 2015 at 3:05pm

गजब का कटाक्ष, आदरणीय हरिप्रकाश जी. अन्यथा न लें, मेरे विचार से शायद!  तीन दिनों से चौबीसों घंटे न्यूज चैनलों पर, अतिथि बाजी देख-देखकर आपकी लेखनी रुक नही पाई .... :)))

Comment by khursheed khairadi on January 27, 2015 at 11:07am

भारतीय कुत्ता” था, जान दे देता पर ओबामा साहब को कुछ नहीं होने देता

आदरणीय हरिप्रकाश जी सर ,क्या ख़ूब समसामयिक व्यंग्य है |भारतीय कुत्ते की वफ़ादारी जग प्रसिद्ध है ,किंतु इनके टिके नहीं लगे होते हैं ,जब काट ले तो ........हा ..... हा ... खैर ...रचना अनुपम है |सादर अभिनन्दन |


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 27, 2015 at 8:58am

ग़ज़ब ! रचनात्मकता के साथ सामयिक घटना शाब्दिक हुई है. हार्दिक बधाई, आदरणीय हरिभाईजी.

मैं आदरणीय विनोद खनगवालभाई से सहमत हँ. मै भी यही कहने जा रहा था कि ’जय हिन्द’ से क्या अपेक्षित है ? कि, आदणीय विनोदभाई की टिप्पणी दिख गयी. 

सादर

Comment by विनय कुमार on January 27, 2015 at 2:05am

एक चुटीली लघुकथा हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें ..

Comment by विनोद खनगवाल on January 26, 2015 at 11:06pm
आदरणीय हरि प्रकाश जी। बहुत ही तेज सामयिक लघुकथा प्रस्तुत की है। इसके लिए बधाई स्वीकार करें।
जय हिन्द! का तात्पर्य कुछ समझ नहीं आया। कुछ अटपटा सा भी लगा। क्या इसके बिना काम नहीं चल सकता है?
Comment by kanta roy on January 26, 2015 at 10:23pm
वाह !! क्या बात है । भारतीय कुत्ता आखिर भारतीय धर्म ही निभायेगा । जबरदस्त कथा । बधाई स्वीकार करे आ.हरि प्रकाश दुबे जी ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 26, 2015 at 9:45pm

बहुत खूब 

Comment by Shishir Dwivedi on January 26, 2015 at 9:41pm
बहुत अच्छी रचना

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
15 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
15 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
18 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
18 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
18 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
18 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
18 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service