1 2 2 2 1 2 2 2 1 2 2 2 1 2 2 2
 कभी जीवन में अपने कुछ दुखद से पल भी आते हैं
 सभी अपने हमेशा के लिए तब छोड़ जाते हैं /
 समय अपना बुरा आया,तमस भी साथ ले आया 
करीबी जो रहे अपने वही नजरें चुराते हैं /
 किसे फुर्सत हमें देखे हमारा हाल वो जानें 
 हमें रुसवाइओं में तन्हा अक्सर छोड़ जाते हैं /
 मिले ढूंढे नहीं कोई सहारा बन सके जो तब 
 मुसीबत में कहाँ अब लोग यूँ रिश्ते निभाते हैं /
 भला कर तू भला होगा बुरा मत सोचना मन में
 रवायत यह है दुनिया की करम ही साथ जाते हैं /
कहाँ वश मौत पे अपना नहीं जीवन पे वश अपना 
 ये खेला मौत जीवन का तो भगवन ही रचाते हैं/
मौलिक व् अप्रकाशित.............
Comment
 भला कर तू भला होगा बुरा मत सोचना मन में
 रवायत यह है दुनिया की करम ही साथ जाते हैं /
कहाँ वश मौत पे अपना नहीं जीवन पे वश अपना 
 ये खेला मौत जीवन का तो भगवन ही रचाते हैं/.......बहुत सुंदर बात कही आपने सरिता जी. हार्दिक बधाई.
आदरणीया सरिता जी,,,,,बहुत ही उम्दा लेखन,,,,,,बहुत बहुत बधाई आपको,,,
आदरणीय गिरिराज जी हार्दिक आभार मार्गदर्शन करते रहें
आदरणीय योगराज sir आप सभी का आशीर्वाद एवं स्नेह बना रहे
शुक्रिया शिज्जू जी
आदरणीया सरिता जी , लाजवाब गज़ल कही है , सभी शे र बहुत अच्छे लगे ॥ आपको अनेकों हार्दिक बधाइयाँ ॥
यह ये दर्द आपका सम्बल बने ऐसी मेरी कामना है प्रिय सरिया भाटिया जी.
आदरणीया सरिता जी बेहतरीन ग़ज़ल, अशआर मग़्मूम लगते हैं दिल को छू गये दिली दाद कुबूल करें
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
    © 2025               Created by Admin.             
    Powered by
    
    
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online