For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

All Blog Posts Tagged 'गीत' (163)

गीत: कब होंगे आजाद... ----संजीव 'सलिल'

गीत:

कब होंगे आजाद

संजीव 'सलिल'

*

*

कब होंगे आजाद?

कहो हम

कब होंगे आजाद?....

*

गए विदेशी पर देशी अंग्रेज कर रहे शासन.

भाषण देतीं सरकारें पर दे न सकीं हैं राशन..

मंत्री से संतरी तक कुटिल कुतंत्री बनकर गिद्ध-

नोच-खा रहे

भारत माँ को

ले चटखारे स्वाद.

कब होंगे आजाद?

कहो हम

कब होंगे आजाद?....

*

नेता-अफसर दुर्योधन हैं, जज-वकील धृतराष्ट्र.

धमकी देता सकल राष्ट्र को खुले आम महाराष्ट्र..

आँख दिखाते सभी… Continue

Added by sanjiv verma 'salil' on August 10, 2010 at 5:02pm — 2 Comments

गीत: हर दिन मैत्री दिवस मनायें..... संजीव 'सलिल'

गीत:

हर दिन मैत्री दिवस मनायें.....

संजीव 'सलिल'

*

हर दिन मैत्री दिवस मनायें.....

*

होनी-अनहोनी कब रुकती?

सुख-दुःख नित आते-जाते हैं.

जैसा जो बीते हैं हम सब

वैसा फल हम नित पाते हैं.

फिर क्यों एक दिवस मैत्री का?

कारण कृपया, मुझे बतायें

हर दिन मैत्री दिवस मनायें.....

*

मन से मन की बात रुके क्यों?

जब मन हो गलबहियाँ डालें.

अमराई में झूला झूलें,

पत्थर मार इमलियाँ खा लें.

धौल-धप्प बिन मजा नहीं है

हँसी-ठहाके… Continue

Added by sanjiv verma 'salil' on August 8, 2010 at 11:32am — 3 Comments

गीत... प्रतिभा खुद में वन्दनीय है... संजीव 'सलिल'

गीत...



प्रतिभा खुद में वन्दनीय है...

संजीव 'सलिल'

**



प्रतिभा खुद में वन्दनीय है...

*

प्रतिभा मेघा दीप्ति उजाला

शुभ या अशुभ नहीं होता है.

वैसा फल पाता है साधक-

जैसा बीज रहा बोता है.



शिव को भजते राम और

रावण दोनों पर भाव भिन्न है.

एक शिविर में नव जीवन है

दूजे का अस्तित्व छिन्न है.



शिवता हो या भाव-भक्ति हो

सबको अब तक प्रार्थनीय है.

प्रतिभा खुद में वन्दनीय है.....

*

अन्न एक ही खाकर… Continue

Added by sanjiv verma 'salil' on August 2, 2010 at 10:45am — 3 Comments

Monthly Archives

2024

2023

2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

2012

2011

2010

1999

1970

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
yesterday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service