For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गिरिराज भंडारी's Blog – August 2013 Archive (10)

किसने कहा ? आप स्वतंत्र नही हैं ( एक चिंतन )

किसने कहा ? आप स्वतंत्र नही हैं  

आप तो स्वभाव से स्वतंत्र हैं

और पहले भी थे , सदा से थे ।

जैसे आप स्वतंत्र हैं

हाथ घुमाने के लिये

तब तक , जब तक कि ,

किसी का चेहरा न सामने आये ।

मुश्किल तो यही…

Continue

Added by गिरिराज भंडारी on August 30, 2013 at 3:30pm — 13 Comments

गज़ल ----" इस क़दर तारीक़ियों की लत लगी है "

2122     2122     2122

पूछता मैं फिर रहा हूं हर किसी से      

क्या निकल सकते हैं ऐसी बेबसी से

मंज़िलों के वास्ते कितने हैं पागल  

हर किसी को पूछना है तिश्नगी से         

इस क़दर तारीक़ियों…

Continue

Added by गिरिराज भंडारी on August 25, 2013 at 9:00pm — 36 Comments

गज़ल --" क्यों अन्धेरों में सुलह से रौशनी घबरा रही है "

2122    2122   2122    2122

******************************************

क्या हवायें आज कुछ पैग़ाम ले के आ रही है

धूप भी कुछ गा रही है, छाँव भी इतरा रही है

 

बेख़याली मे कहीं हम हद के बाहर तो नहीं है

आदमीयत आज बैठी क्यूँ यहां शर्मा रही…

Continue

Added by गिरिराज भंडारी on August 22, 2013 at 6:00pm — 36 Comments

!!!! खुद भी आज़ाद हो गईं !!!!

अंतस मे उमड़ती भावनायें,

उचित शब्द टटोलते,

शब्द कोशों को पार कर,

निष्फल प्रयासों से हार कर,

अंततः आवारा हो गईं !

और फिर आँखों के रास्ते ,

अश्रु बून्द के रूप में,…

Continue

Added by गिरिराज भंडारी on August 20, 2013 at 7:30pm — 10 Comments

खुद से नितांत अनजान

ठीक है फैसला ,
जीवन और मृत्यु सा था ।
चुनाव भी तो तुम्हारा अपना था।
फैसला तुम्हारा खुद का था,  
तो, उदासी क्योँ ?
खुद का लिया फैसला, 
कभी…
Continue

Added by गिरिराज भंडारी on August 19, 2013 at 9:00am — 14 Comments

‘ मै शब्द हूँ ’ !!! एक चिंतन !!!

मै शब्द हूँ  ।

मेरा जन्म  हुआ है आप का अंतस बाहर लाने के लिए ।

मै उतना ही सशक्त होता हूँजितनी आप की भावनाएं…

Continue

Added by गिरिराज भंडारी on August 18, 2013 at 9:00pm — 12 Comments

गुमशुदा खुशियां कहां रहने लगी है आज छुप कर

गुमशुदा खुशियाँ कहाँ रहने लगी है आज छुप कर

***************************************

दर्द कैसे कम हुआ ये आंसुओं पूछ लेना

क्या अन्धेरों से डरे थे, तुम दियों से पूछ लेना

खुद जले थे,और कैसे, वो अन्धेरों से लडे थे

जानना चाहो अगर तो,जुगनुओं से पूछ लेना…

Continue

Added by गिरिराज भंडारी on August 15, 2013 at 8:00am — 33 Comments

मै शापित पत्थर कलजुग में राम कहाँ से लाऊँ

गीत

*********              

मै शापित पत्थर कलजुग में राम कहाँ से लाऊँ

मै दरिद्रता से दरिद्र हूँ

तुम नृप के भी हो नृपराज

पूर्ण चन्द्र की दीप्ति तुम्हारी

मै हूँ अमा की काली रात  …

Continue

Added by गिरिराज भंडारी on August 13, 2013 at 7:30am — 13 Comments

अपना जीवन तो सुरंग है

जब अन्धियारा संग संग है,

सब रंगों का एक रंग है।

एक लड़ाई है बाहर तो,  

ख़ुद के अन्दर एक जंग है।

शहरों की गलियों से जादा,

गली दिलों की और तंग है।

कुछ करने की चाहत…

Continue

Added by गिरिराज भंडारी on August 11, 2013 at 8:00am — 7 Comments

Monthly Archives

2025

2017

2016

2015

2014

2013

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
11 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
22 minutes ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई के साथ-साथ धन्यवाद भी। कि, इस पटल पर, इस खुले आयोजन…"
2 hours ago
Chetan Prakash commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"वाकई  खूबसूरत शुद्ध हिन्दी गजल हुई, आदरणीय! "कर्म हम रणछोड  के अनुसार भी करते…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीया रक्षिता जी,  आपकी इस कविता में प्रदता शीर्षक की भावना निस्संदेह उभर कर आयी…"
4 hours ago
Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक शेर की विषय - वस्तु…"
6 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"धन्यवाद भाई लक्ष्मण धामी जी "
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service