For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Samar kabeer's Blog – July 2015 Archive (3)

ग़ज़ल :- "ग़ालिब" से माज़रत के साथ

फ़ाइलातुन मफ़ाइलुन फ़ेलुन/फ़इलुन



इस तरफ़ भूल कर नहीं आती

ये ख़ुशी मेरे घर नहीं आती



आप रूठे हुए हैं जिस दिन से

"कोई उम्मीद बर नहीं आती"



बच निकलने की,ज़िन्दगी तुझसे

"कोई सूरत नज़र नहीं आती"



"मौत का एक दिन मुअय्यन है"

वक़्त से पैशतर नहीं आती



दिन में सोते हैं और पूछते हैं ?

"नींद क्यूँ रात भर नहीं आती"



देख लेती थी जो पस-ए-दीवार

वो नज़र,अब नज़र नहीं आती



"काबा किस मुंह से जाओगे",बोलो

शर्म तुमको "समर"… Continue

Added by Samar kabeer on July 29, 2015 at 9:38pm — 10 Comments

ग़ज़ल :- वाक़ई,ये ज़िन्दगी जंजाल है

फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन



क्या कहूँ तुमसे,ये मेरा हाल है

ख़ाली तर्कश,हाथ में इक ढाल है



रिश्तेदारों का ये इक जम्मे ग़फ़ीर

वाक़ई, ये ज़िन्दगी जंजाल है



क्यूँ रहे,इतनी ख़बर भी आप को

क्या महीना,कौन सा ये साल है



लग गई है उसको बीमारी अजीब

पास दौलत है मगर कंगाल है



न कोई तालीम है,न तरबियत

ये तो बस तहज़ीब का नक़्क़ाल है



जानवर की खाल दे देते हैं बस

और फिर ख़ाली,ये बैतुलमाल है



कुछ का कुछ आने लगा इसमें… Continue

Added by Samar kabeer on July 26, 2015 at 11:34pm — 16 Comments

ग़ज़ल :- ईद उससे कोई मिला ही नहीं

फ़ाइलातुन मफ़ाइलुन फ़ेलुन/फ़इलुन /फ़ेलान





आके इसमें कोई रुका ही नहीं

दश्त-ए-दिल में कोई सदा ही नहीं



आँख कहती है दूर है वो बहुत

दिल ये कहता है फ़ासला ही नहीं



जिसमें ख़तरा हो हार जाने का

खेल मैं ऐसे खेलता ही नहीं



ये तो मैदान-ए-हश्र है भाई

याँ, कोई झूट बोलता ही नहीं



दर्द-ए-दिल का इलाज ढूँढते हो

दर्द-ए-दिल की कोई दवा ही नहीं





सबके मुंह देखता रहा वो ग़रीब

ईद उससे कोई मिला ही नहीं



मेरा अपना… Continue

Added by Samar kabeer on July 20, 2015 at 2:06pm — 17 Comments

Monthly Archives

2024

2023

2022

2021

2020

2019

2018

2017

2016

2015

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
14 hours ago
anwar suhail updated their profile
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service