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आप भी सोचिये और हम भी कि होगा कैसे,,
हर किसी के लिए माहौल ये उम्दा कैसे।।
क्या बताएं तुम्हें होता है तमाशा कैसे,,,
वास्ते इसके लिए होता दिखावा कैसे।।
लोग उलझन में मुझे देखके होते ख़ुश हैं,,,,
कुछ तो इस सोच में रहते हैं रहेगा कैसे
मैं भी कामिल हूँ यहाँ और हो तुम भी कामिल,
कोई आमिल ही नहीं तो मैं…
ContinuePosted on April 20, 2025 at 1:30pm — 4 Comments
I need to have a word privately, please get back to me on ( mrs.ericaw1@gmail.com) Thanks.
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