For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको,

सादर अभिवादन !

 

’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का आयोजन लगातार क्रम में इस बार पचपनवाँ आयोजन है.

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  20 नवम्बर 2015 दिन शुक्रवार से  21 नवम्बर 2015 दिन शनिवार तक

 

इस बार गत अंक में से दो छन्द रखे गये हैं - दोहा छन्द और रोला छन्द.

 

हम आयोजन के अंतरगत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं.

 

इन दोनों छन्दों में से किसी एक या दोनों छन्दों में प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द रचना करनी है. 

 

इन छन्दों में से किसी उपयुक्त छन्द पर आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.  

 

रचनाओं की संख्या पर कोई बन्धन नहीं है. किन्तु, उचित यही होगा कि एक से अधिक रचनाएँ प्रस्तुत करनी हों तो दोनों छन्दों में रचनाएँ प्रस्तुत हों.   

 

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.

[प्रयुक्त चित्र अंतरजाल (Internet) के सौजन्य से प्राप्त हुआ है]

 

जैसा कि विदित ही है, छन्दों के विधान सम्बन्धी मूलभूत जानकारी इसी पटल के भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

 

********************************************************

 

आयोजन सम्बन्धी नोट :

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 20 नवम्बर 2015  से 21 नवम्बर 2015 यानि दो दिनों के लिए  रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  5. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  6. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  7. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

 

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

 

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

 

विशेष :

यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 10468

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीय गिरिराज जी सादर,

 प्रशंसा कर प्रस्तुति का मान बढाने  लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आदरणीय

जहाँ "सत्य" हो आदि में,  बसे "शिवम्" भगवान

छन्दोत्सव  "सुन्दर"  हुआ, कहे  "अरुण" नादान ||

सूक्ष्म दृष्टि इस चित्र पर, डाली प्यारे मीत

पाठक - गण  गाने लगे, सुन्दर दोहा-गीत |

सिंह-अवलोकन बन गया, मूर्तिमान प्रतिमान

छन्दोत्सव "सुन्दर"हुआ, कहे  "अरुण" नादान ||

आदरणीय सत्यनारायण सिंह जी, हार्दिक बधाइयाँ......

आदरणीय अरुण निगम जी

          प्रस्तुति पर  छंदात्मक प्रतिक्रिया से अभिभूत हूँ  इस आत्मीय अनुमोदन तथा बधाई  के लिये आपका हार्दिक आभार आदरणीय

आ० सत्यनारायण सिंह जी,बहुत सुन्दर सार्थक दोहा गीत लिखा है  चित्र को पूर्णतः उतार का रख दिया प्रस्तुति में हार्दिक बधाई आपको |

आपके अनुमोदन ने रचना को सार्थकता प्रदान की है आदरणीया राजेश कुमारी जी

सादर आभार ! 

बहुत सुन्दर सार्थक गीत आ० सत्यनारायण सिंह जी 

चित्र की आत्मा को बहुत बारीकी सी परिभाषित किया है आपने.

बहुत बहुत बधाई

आदरणीया डॉ. प्राची सिंह जी, आपकी संवेदनशील दृष्टि ने प्रस्तुत रचना को जिस तरह से स्वीकार किया है वह मेरे प्रयास को सार्थकता प्रदान करता है. 
आत्मीय अनुमोदन के लिए सादर धन्यवाद आदरणीया

संयमित भाव को कितनी सहज पंक्तियाँ मिली हैंं ! वाह !!

चित्र को शब्द ही नहीं माकूल भाव मिल गये आदरणीय सत्यनारायणजी. निस्संदेह आपकी सात्विक सोच प्रदत्त चित्र को विशिष्टता प्रदान कर रही है. 

नीली पगड़ी पहन कर ..

इस वाक्यांश को यदि नीली पगड़ी बाँध कर कर दिया जाय तो दो बातें होंगी. एक, पगड़ी के लिए सार्थक क्रिया मिल जायेगी. क्योंकि पगड़ी पहनने से अधिक पगड़ी बाँधने की क्रिया प्रचलित है. दो, विषम चरण संयत हो जायेगा, जो पहन कर  के कारण असहज प्रवाह का कारण बना है. इस तथ्य को आप भी अवश्य समझ रहे होंगे. 

बाकी, आपकी रचना प्रदत्त चित्र के सापेक्ष भावों को उचित ढंग से शाब्दिक कर रही है.  

बार-बार बधाइयाँ व हार्दिक शुभकामनाएँ, आदरणीय 

इस बार आयोजन का शुभारम्भ आपकी रचना से हुआ है, इस हेतु आपको विशेष बधाई. 

परम आदरणीय सौरभ जी सादर,

       प्रस्तुति पर आपकी सम्यक प्रतिक्रिया पढ़कर अभिभूति हूँ आपसे अपनी रचना पर उदार अनुमोदन मिलना विशेष अनुभूति का कारण बना है अनुमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय

 नीली पगड़ी बाँध कर  इस वाक्यांश के सन्दर्भ में आपका सुझाव उचित ही है इसी आयोजन में आ.सचिन देव की प्रस्तुति पढ़कर ही मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया  किन्तु तब तक तीर तो तरकस से निकल चुका था अब आपकी टिप्पणी से तो बात और भी स्पष्ट हो गयी है. संकलन के पश्च्यात संशोधन हेतु अवश्य निवेदन करूंगा आदरणीय

जागृत जन मन हो गया, हुई देश में क्रांति..

   जागृत या जाग्रत इस  अक्षरी के बारे सन्दर्भ में मेरे मन में शंका है कृपया उचित मार्गदर्शन करें .

आपके मार्गदर्शन की प्रतीक्षा रहेगी आदरणीय

   प्रस्तुति पर सकारात्मक प्रसंशा, मार्गदर्शन हेतु  पुनश्च सादर आभार आदरणीय

सही शब्द जागृत ही है, आदरणीय सत्यनारायणजी. 

मार्गदर्शन हेतु सादर आभार आदरणीय

शुचिता और सफाई केवल बापू का अरमान ही बनकर न रह जाये, बल्कि यह हम सबका भी लक्ष्य होना चाहिए I दोहा गीत बेहद सुन्दर रचा है आ० सत्यनारायण सिंह जी, हार्दिक बधाई स्वीकारें I

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
21 hours ago
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Friday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Friday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
Thursday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service