For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको !

सादर अभिवादन !!

 

’चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह एक सौ बाइसवाँ आयोजन है.   

 

इस बार का छंद है - गीतिका छंद  

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  

19 जून 2021 दिन शनिवार से 20 जून 2021 दिन रविवार तक

हम आयोजन के अंतर्गत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जाएँगीं. 

गीतिका छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

चित्र अंतर्जाल से

जैसा कि विदित है, कईएक छंद के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

********************************************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो

19 जून 2021 दिन शनिवार से 20 जून 2021 दिन रविवार तक, यानी दो दिनों के लिए, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें। 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  8. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 2835

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

हार्दिक आभार आपका

गीतिका
छंद- गीतिका
मापनी- 2122 2122 2122 212
पदांत- कभी
समांत- आएगा

माँ सिवा कोई नहीं ख़तरा उठाएगा कभी ।
आदमी यह दर्द शायद झेल पाएगा कभी ।

वक़्त आये तो कभी जो खेल जाती जान पर,
क़ुदरती मिलती है ताक़त मान जाएगा कभी ।

जो अना नारी सहे वह मर्द की क़ि‍स्मत कहाँ,
आदमी क्या सत्य दुनिया को बताएगा कभी ।

हो रही दुनिया में’ अत्याचार से नारी व्यथित,
आदमी अपने ही’ हाथों घर जलाएगा कभी ।

यह धरा अपनी गगन अपना अना से क्यों डरे,
देख लेगी वक़्त को जो सख़्त आएगा कभी ।

मौलिक व अप्रकाशित

आ. भाई गोपाल जी, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर प्रयास हुआ है । हार्दिक बधाई।

प्रदत्त चित्र पर खूबसूरत गीतिका सृजन। हार्दिक बधाई आदरणीय डाॅ गोपाल कृष्ण भट्ट जी

सार्थक प्रयास के लिए हार्दिक बधाई.. 

वैसे, इस प्रस्तुति के माध्यम से ममत्व-भाव को और बेहतर शाब्दिक होना चाहिए था. बहरहाल, आपका प्रयास अवश्य श्लाघनीय है, आदरणीय आकुलजी.

शुभातिशुभ 

आदरणीय गोपाल कृष्णजी

इस प्रयास के लिए के लिए हृदय से बधाई।

चित्र को शाब्दिक करने के लिए दो चार पँक्तियाँ कबूतर और आस पास के माहौल पर कह देने से यह रचना और अच्छी हो जाती।

मात्राएँ भी गीतिका छंद के विधान के अनुरूप नहीं है और कहीं ज्यादा भी है।

सादर

 

सादर प्रणाम सर

प्रदत्त विषय पर अच्छी गीतिका कोशिस है

बधाई

है नगर के पास लेकिन भीड़ से यह दूर है
शांति का माहौल भी इस ठाँव तो भरपूर है।।
जो रुका आवागमन है इस करोना काल में
तो सुरक्षित ठाँव ये भी पटरियों के जाल में।।
*
सोच पन्छी ने चुने तिनके लगन से खूब जो
नीड़ उन से है बनाया एक अपना देख लो।।
शांति का यह दूत जो  है शांत ही बैठा हुआ
कर रहा मन में लगे है शांति के हित में दुआ।।
*
चन्द दिन में इक नया जीवन हँसेगा साथ जब
सीख देगा फड़फड़ाना  खोल  नन्हें पाख तब।*।
जिन्दगी फिर से चलेगी इक नयी सी राह पर
फिर नया सा ठौर होगा फिर नया सा एक घर।*।
*
और पहले चल  पड़ा  आवागमन  यूँ शान्त अब
शांति के इस दूत का होगा बहुत मन क्लान्त तब।।
बैठ  पायेगा  न   ऐसे   पटरियों   के   बीच   वो
जब निरापद  भीड़  होगी  त्याग  देगा  नीड़ को।*।


मौलिक/अप्रकाशित

और पहले चल  पड़ा  आवागमन  यूँ शान्त अब

इस पंक्ति को यूँ पढ़ें-

"पूर्व यदि यह चल पड़ा आवागमन जो शान्त अब"

आदरणीय भाई लक्ष्मण जी

चित्र की बारीकियों और भाव को उभारते हुए खूबसूरत छन्द सृजन हार्दिक बधाई। इनकी तुकांतता देख लें   खूब जो/ देख लो,बीच वो/ नीड़ को

आ. रचना बहन छंदों पर उपस्थिति, सराहना व मार्गदर्शन के लिए आभार ..

आदरणीय कक्ष्मण भाईजी

बड़े विस्तार से चित्र को परिभाषित किया है आपने। तीसरा छंद और भी बढ़िया । हृदय से बधाई।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted discussions
6 minutes ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
11 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
12 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
12 hours ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
23 hours ago
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Saturday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service