For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎
माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎

खाऊँ नही अन्न, जल पीऊँ भी न ‎
निराहार काटूँ  घड़ियां!‎
माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎

करो सदा सत्कर्म प्रेरित माँ ‎
तुम बिन और कोउ नैयां!‎
माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎

एड़ी माहुर मांग सेंदुर माँ ‎
पाउन अमर रहें बिछियाँ!‎
माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎

गौरा के ज्यों शिव सदा है माँ ‎
मेरो अमर रहे सैयां!      ‎
माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎

                           - गीतिका 'वेदिका'

मौलिक/ अप्रकाशित 

Views: 2203

Replies to This Discussion

आदरणीया गीतिका जी,
आप साहित्य की महारथी हैं। मैं अभी छात्र ही हूं। आप लोगों की संगत में धीरे धीरे मेरी भी समझ विकसित हो ही जाएगी।
आपने मेरे कहे को मान दिया और शंका समाधान किया, इसके लिए आपका हार्दिक आभार!

सादर !!

बुंदेलखंड की बोली में रचे इस मधुर गीत ने मंत्रमुग्ध कर दिया ..अति भावपूर्ण और सुन्दर सृजन ... विविधताओं से भरे हमारे देश की विविध भाषाएँ बोलियों में प्रचुर साहित्यिक संभावनाएं हैं ..बस सृजन की उन संभावनाशील क्यारियों में थोड़ी निराई गुड़ाई की ज़रूरत है ... और इस दिशा में गीतिका जी का प्रयास बुन्देली साहित्य की दृष्टि से भी स्तुत्य है ..बहुत साधुवाद और शुभकामनायें इस संभावनाशील सर्जना शक्ति को !!

आप सही कहते है आदरणीय अभिनव जी! संभावनाओं के साथ-साथ  माटी के प्रति दायित्व का भी निर्वहन करना होगा| अंचल के साहित्य के लिए प्रयास करना ही होगा आदरणीय ...!

आपका बहुत बहुत धन्यवाद ,,,आशीष बनाए रखिए !!

आपकी रचना अच्‍छी लगी किंतु प्रार्थना या गीतों के साथ सबसे बड़ी मुश्किल यही होती है कि जबतक उसे सुना ना जाए उसकी सुंदरता का पूर्ण आकलन नहीं किया जा सकता । आपने भी रेकार्ड प्रस्‍तुत करने की बात की है जिसकी प्रतीक्षा रहेगी । बुंदेली की यह रचना मुझे तो पूरी तरह से समझ में आ रही है क्‍योंकि इससे मिलते जुलते शब्‍द मैथिली, भोजपुरी, अंगिका, बंगला, असमी में भी है और चूंकि मैं इन प्रांतों में रहा हूं तो समझने में कोई परेशानी नहीं है, सादर

आदरणीय राजेश जी!

आपने मेरा मनोबल बढ़ाया .।.आपका आभार व्यक्त करती हूँ| और जितनी जल्दी संभव होगा मै अवश्य ही गीत को सस्वर प्रस्तुत करूंगी !! 

गीतिका जी, बुन्देलखण्डी मुझे हिंदी सदृश ही लगीl मैं श्री राजेश झा जी की बात से सहमत हूँl गीत यानी रचना का गेय स्वरूप जिसकी व्याख्या गा कर ही की जा सकती है, वैसे आपकी यह रचना पढ़ने में भी मनमोहक है, आप लिखती रहें क्यूंकि हर रचनाकार की अपनी अलग पहचान होती है, आप ग़ज़ल गीत कविता हर विधा में छाप छोड़ने में सफल रही हैंl यह रचना भी आपकी विशिष्टता को दर्शाने में सफल हैl
शुभकामनाओं सहित,

आदरणीय शिज्जु जी!

आपका शतशत आभार, आपने रचना पर मेरा मनोबल बढ़ाया,!!

जी हाँ! बुंदेलखंडी, हिन्दी ही  है| बस अलग अलग अंचलों मे बोले जाने से उनके नाम स्थान के नाम पर हो जाते है और स्थानीय लोग अपनी सुविधानुसार उसमे परिवर्तन कर लेते है|    

सादर !!

बहुत सुंदर लगा आपका गीत, गीतिका जी! बहुत ही मधुरऔर प्रवाहपूर्ण। सचमुच आनंद आ गया। भाषा तो सरल ही है। भारतीय भाषा कोई भी हो, लोकगीत शैली मन को मुग्ध कर देती है। सार्थक सृजन के लिए  बहुत बहुत बधाई आपको

का बात है दीदी

गजबै लिखो है

इतनी नोनी सी भक्त लिखी है आपने

बहुत बहुत बधाई हो

इमें हमाओ कोनौ हाथ नैयां भैया संदीप जी! जो कछु है सो वा तीजा मैया ने औराओ तो कलम खुदई चलत गयी|

आप ई गीत पे पधारे हमें मनोबल मिलो, आपके बड़प्पन के लाने हम खूबई खूब आभारी है|

सादर!!  

मैया ऐसो औरात रहे हमारी दीदी को

खूबई मजा आओ पढ़ें में

एक और बधाई हो

और हम छोटे हैं बड़प्पन कहाँ से आ गओ

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
28 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  रचना को समय देने और प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार ।"
44 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार सुंदर छंद हुए हैं और चुनाव के साथ घुसपैठ की समस्या पर…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी चुनाव का अवसर है और बूथ के सामने कतार लगी है मानकर आपने सुंदर रचना की…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
3 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी  वाह !! सुंदर सरल सुझाव "
3 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी सादर अभिवादन बहुत धन्यवाद आपका आपने समय दिया आपने जिन त्रुटियों को…"
3 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी सादर. प्रदत्त चित्र पर आपने सरसी छंद रचने का सुन्दर प्रयास किया है. कुछ…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्रानुसार घुसपैठ की ज्वलंत समस्या पर आपने अपने…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
""जोड़-तोड़कर बनवा लेते, सारे परिचय-पत्र".......इस तरह कर लें तो बेहतर होगा आदरणीय अखिलेश…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"    सरसी छंद * हाथों वोटर कार्ड लिए हैं, लम्बी लगा कतार। खड़े हुए  मतदाता सारे, चुनने…"
4 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी हार्दिक आभार धन्यवाद , उचित सुझाव एवं सरसी छंद की प्रशंसा के लिए। १.... व्याकरण…"
5 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service