For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎
माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎

खाऊँ नही अन्न, जल पीऊँ भी न ‎
निराहार काटूँ  घड़ियां!‎
माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎

करो सदा सत्कर्म प्रेरित माँ ‎
तुम बिन और कोउ नैयां!‎
माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎

एड़ी माहुर मांग सेंदुर माँ ‎
पाउन अमर रहें बिछियाँ!‎
माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎

गौरा के ज्यों शिव सदा है माँ ‎
मेरो अमर रहे सैयां!      ‎
माई तीजा अखंड सौभाग्य द्यो हो माँ!‎

                           - गीतिका 'वेदिका'

मौलिक/ अप्रकाशित 

Views: 2193

Replies to This Discussion

आदरणीया गीतिका जी,
आप साहित्य की महारथी हैं। मैं अभी छात्र ही हूं। आप लोगों की संगत में धीरे धीरे मेरी भी समझ विकसित हो ही जाएगी।
आपने मेरे कहे को मान दिया और शंका समाधान किया, इसके लिए आपका हार्दिक आभार!

सादर !!

बुंदेलखंड की बोली में रचे इस मधुर गीत ने मंत्रमुग्ध कर दिया ..अति भावपूर्ण और सुन्दर सृजन ... विविधताओं से भरे हमारे देश की विविध भाषाएँ बोलियों में प्रचुर साहित्यिक संभावनाएं हैं ..बस सृजन की उन संभावनाशील क्यारियों में थोड़ी निराई गुड़ाई की ज़रूरत है ... और इस दिशा में गीतिका जी का प्रयास बुन्देली साहित्य की दृष्टि से भी स्तुत्य है ..बहुत साधुवाद और शुभकामनायें इस संभावनाशील सर्जना शक्ति को !!

आप सही कहते है आदरणीय अभिनव जी! संभावनाओं के साथ-साथ  माटी के प्रति दायित्व का भी निर्वहन करना होगा| अंचल के साहित्य के लिए प्रयास करना ही होगा आदरणीय ...!

आपका बहुत बहुत धन्यवाद ,,,आशीष बनाए रखिए !!

आपकी रचना अच्‍छी लगी किंतु प्रार्थना या गीतों के साथ सबसे बड़ी मुश्किल यही होती है कि जबतक उसे सुना ना जाए उसकी सुंदरता का पूर्ण आकलन नहीं किया जा सकता । आपने भी रेकार्ड प्रस्‍तुत करने की बात की है जिसकी प्रतीक्षा रहेगी । बुंदेली की यह रचना मुझे तो पूरी तरह से समझ में आ रही है क्‍योंकि इससे मिलते जुलते शब्‍द मैथिली, भोजपुरी, अंगिका, बंगला, असमी में भी है और चूंकि मैं इन प्रांतों में रहा हूं तो समझने में कोई परेशानी नहीं है, सादर

आदरणीय राजेश जी!

आपने मेरा मनोबल बढ़ाया .।.आपका आभार व्यक्त करती हूँ| और जितनी जल्दी संभव होगा मै अवश्य ही गीत को सस्वर प्रस्तुत करूंगी !! 

गीतिका जी, बुन्देलखण्डी मुझे हिंदी सदृश ही लगीl मैं श्री राजेश झा जी की बात से सहमत हूँl गीत यानी रचना का गेय स्वरूप जिसकी व्याख्या गा कर ही की जा सकती है, वैसे आपकी यह रचना पढ़ने में भी मनमोहक है, आप लिखती रहें क्यूंकि हर रचनाकार की अपनी अलग पहचान होती है, आप ग़ज़ल गीत कविता हर विधा में छाप छोड़ने में सफल रही हैंl यह रचना भी आपकी विशिष्टता को दर्शाने में सफल हैl
शुभकामनाओं सहित,

आदरणीय शिज्जु जी!

आपका शतशत आभार, आपने रचना पर मेरा मनोबल बढ़ाया,!!

जी हाँ! बुंदेलखंडी, हिन्दी ही  है| बस अलग अलग अंचलों मे बोले जाने से उनके नाम स्थान के नाम पर हो जाते है और स्थानीय लोग अपनी सुविधानुसार उसमे परिवर्तन कर लेते है|    

सादर !!

बहुत सुंदर लगा आपका गीत, गीतिका जी! बहुत ही मधुरऔर प्रवाहपूर्ण। सचमुच आनंद आ गया। भाषा तो सरल ही है। भारतीय भाषा कोई भी हो, लोकगीत शैली मन को मुग्ध कर देती है। सार्थक सृजन के लिए  बहुत बहुत बधाई आपको

का बात है दीदी

गजबै लिखो है

इतनी नोनी सी भक्त लिखी है आपने

बहुत बहुत बधाई हो

इमें हमाओ कोनौ हाथ नैयां भैया संदीप जी! जो कछु है सो वा तीजा मैया ने औराओ तो कलम खुदई चलत गयी|

आप ई गीत पे पधारे हमें मनोबल मिलो, आपके बड़प्पन के लाने हम खूबई खूब आभारी है|

सादर!!  

मैया ऐसो औरात रहे हमारी दीदी को

खूबई मजा आओ पढ़ें में

एक और बधाई हो

और हम छोटे हैं बड़प्पन कहाँ से आ गओ

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय नीलेश भाई , खूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई आपको "
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय बाग़पतवी भाई , बेहतरीन ग़ज़ल कही , हर एक शेर के लिए बधाई स्वीकार करें "
2 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । आपके द्वारा  इंगित…"
5 hours ago
Mayank Kumar Dwivedi commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"सादर प्रणाम आप सभी सम्मानित श्रेष्ठ मनीषियों को 🙏 धन्यवाद sir जी मै कोशिश करुँगा आगे से ध्यान रखूँ…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय सुशील सरना सर, सर्वप्रथम दोहावली के लिए बधाई, जा वन पर केंद्रित अच्छे दोहे हुए हैं। एक-दो…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सुशील सरना जी उत्सावर्धक शब्दों के लिए आपका बहुत शुक्रिया"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय निलेश भाई, ग़ज़ल को समय देने के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया। आपके फोन का इंतज़ार है।"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर 'बागपतवी' साहिब बहुत शुक्रिया। उस शे'र में 'उतरना'…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर,ग़ज़ल पर विस्तृत टिप्पणी एवं सुझावों के लिए हार्दिक आभार। आपकी प्रतिक्रिया हमेशा…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, ग़ज़ल को समय देने एवं उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए आपका हार्दिक आभार"
9 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
10 hours ago
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा

आँखों की बीनाई जैसा वो चेहरा पुरवाई जैसा. . तेरा होना क्यूँ लगता है गर्मी में अमराई जैसा. . तेरे…See More
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service