For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भोजपुरी साहित्य Discussions (246)

← Back to भोजपुरी साहित्य
Discussions Replies Latest Activity

सदस्य टीम प्रबंधन

दशहरा : भोजपुरी दोहे // -- सौरभ

जोन्ही भर के जोर पर, चिहुँकल छनकि अन्हार ढिबरी भर के आस ले, मनवाँ सबुर सम्हार रहि-रहि मन अकुतात बा, दुअरा लखन-लकीर  सीता सहमसु चूल्हि…

Started by Saurabh Pandey

19 Feb 2, 2014
Reply by Dr. Anil Mishra

बिना माई के ई संसार ना चली ।

बिना माई के ई संसार ना चली । कइसे कहल बबुआ , तोहरा से भार ना चली । बड़ कइनी तोहरा के दुधवा पीयाके । छाती से लगा के रखनी दुखवा भुलाके ।…

Started by Shyam Narain Verma

0 Dec 24, 2013

लहरे तिरंगा झंडा अपना देश के शान |

लहरे    तिरंगा   झंडा   अपना  देश  के शान | आजादी   के चाहत में   केतने  दिहले जान | स्वतंता संग्राम के देख   दर्द भरी    कहानी | भेद …

Started by Shyam Narain Verma

1 Dec 1, 2013
Reply by Neelam Upadhyaya

हाथे मेंहदी

हाथे मेंहदी चूड़ी कगनावा,     पांवे पइलीया डारी के चलली गोरी पिया संगवा, नईहर नगरीया छोरी के, माई रोवे, बाबू रोवे  रोवे दुलरा             भ…

Started by Akhand Gahmari

1 Nov 26, 2013
Reply by Shyam Narain Verma

सुन शहरी बाबू जा देख गाँव के नज़ारा |

सुन  शहरी  बाबू जा देख गाँव के   नज़ारा | देखि    बताव   कईसे    होई तोहार    गुज़ारा |  पहिरेल रंग   विरंगे   ही  नया        परिधान | शह…

Started by Shyam Narain Verma

2 Nov 8, 2013
Reply by Meena Pathak

मुख्य प्रबंधक

भोजपुरी हास्य घनाक्षरी

छंद विधा : घनाक्षरी  छंद प्रकार : वर्णिक  विधान : [4 x (8+8+8+7)] **** सात साल के छोटुआ, माने नहीं आवऽत बा     गारी पारि-पारि देखs, मास्टरे…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

6 Nov 8, 2013
Reply by Meena Pathak

सावनी गीत

सावनी गीत                             सावन क आयल महीनवा हो   हियरा हुलसाईल   चनवा क जईसे चननिया हो    अड.गना उतराईल  ! १ – पण्डित पाहुन अग…

Started by mrs manjari pandey

5 Oct 18, 2013
Reply by रामनाथ 'शोधार्थी'

उपदेश बतावेलन

गुरु के बिना सबके संसार बा अधूरा । जबे मीलिहें गुरुजी हो जाई पूरा । अँगूरी पकड़ी लिखे पढ़े सिखावेलन , मीठी बतिया से दिल बहलावेलन । सब के…

Started by Shyam Narain Verma

3 Oct 4, 2013
Reply by Saurabh Pandey

कजरी व्यंग्य

कजरी व्यंग्य कोइल कूक रही निबिया की डारी पिया करै छेड्खानी पिया  ना  ! १ – पूछी कोइलिया से मै     आज निबिया पे तैं     कहे स्वाद बदलने को…

Started by mrs manjari pandey

3 Oct 4, 2013
Reply by Saurabh Pandey

मुख्य प्रबंधक

"ओ बी ओ भोजपुरी काव्य प्रतियोगिता" के सम्बन्ध में आवश्यक सूचना

सभे भाई लोगन के प्रणाम,  तिमाही भोजपुरी काव्य प्रतियोगिता के दू गो कड़ी ओबीओ पर संचालित भईल, पहिला कड़ी कुछ निको चलल बाकी दोसरका कड़ी में…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"

22 Jul 20, 2013
Reply by पीयूष द्विवेदी भारत

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । हो सकता आपको लगता है मगर मैं अपने भाव…"
5 hours ago
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"अच्छे कहे जा सकते हैं, दोहे.किन्तु, पहला दोहा, अर्थ- भाव के साथ ही अन्याय कर रहा है।"
8 hours ago
Aazi Tamaam posted a blog post

तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या

२१२२ २१२२ २१२२ २१२इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्यावैसे भी इस गुफ़्तगू से ज़ख़्म भर…See More
20 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"परम् आदरणीय सौरभ पांडे जी सदर प्रणाम! आपका मार्गदर्शन मेरे लिए संजीवनी समान है। हार्दिक आभार।"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

दोहा सप्तक. . . . विविधमुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"ऐसी कविताओं के लिए लघु कविता की संज्ञा पहली बार सुन रहा हूँ। अलबत्ता विभिन्न नामों से ऐसी कविताएँ…"
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

छन्न पकैया (सार छंद)

छन्न पकैया (सार छंद)-----------------------------छन्न पकैया - छन्न पकैया, तीन रंग का झंडा।लहराता अब…See More
yesterday
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आदरणीय सुधार कर दिया गया है "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। बहुत भावपूर्ण कविता हुई है। हार्दिक बधाई।"
Monday
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
Monday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

गहरी दरारें (लघु कविता)

गहरी दरारें (लघु कविता)********************जैसे किसी तालाब कासारा जल सूखकरतलहटी में फट गई हों गहरी…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

212/212/212/212 **** केश जब तब घटा के खुले रात भर ठोस पत्थर  हुए   बुलबुले  रात भर।। * देख…See More
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service