For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कद्र करें हम उन लोगों की
जिनने जीवन सफल जिया
दिन-प्रतिदिन के कष्ट नकारे
सुधा-हलाहल सहज पिया  ॥ कद्र करें हम.. ॥

ऐसे में माँ-पिता हमारे
ऐसे में नाना-दादा हैं
कहना हम मानेंगे इनकी
हमसब करते ये वादा हैं

हमसब की उन्नति को लेकर
सभी बड़े कितना सोचें
इसीलिए आज्ञा-पालन को
हम बच्चों ने ध्येय किया ॥ कद्र करें हम.. ॥

पुस्तक के पाठों को गुनना
हल करना, उत्तर भी जाना  
बात सुनें हमसब गुरुजन की
सिखा रहे जो राह बनाना

गुरु के ही तो अनुभव से सब
नाम बड़ा कर पाते हैं
जीवन हो आदर्श हमारा
हमने दृढ़-संकल्प लिया ॥ कद्र करें हम.. ॥
**************
-सौरभ
**************
(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 1536

Replies to This Discussion

जीवन हो आदर्श हमारा 
हमने दृढ़-संकल्प लिया ॥ 

बहुत सुन्दर, प्रेरणास्पद बालगीत । बधाई सौरभ जी !

बाल-गीत को पसंद करने के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय सुलभ अग्निहोत्रीजी.

सुन्दर गीत के लिए आपको बधाई ......

सादर 

हार्दिक धन्यवाद आदरणी श्याम नारायणजी.

आदरणीय सौरभ जी
अच्छा विषय i अच्छी हिंदी i अच्छा ज्ञान i सादर i

इस बाल-गीत को अनुमोदित करने के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय गोपाल नारायनजी.

आदरणीय पाण्डेय जी,

क्षरित होते मानवीय मूल्यों के इस दौर में यह बालगीत नई पौध के मन-मानस के लिए पोषक तत्व की तरह है | ..हार्दिक साधुवाद एवं सद्भावनाएँ !  

रचना को तार्किक मान देने के लिए सादर धन्यवाद आदरणीय सन्तलाल करुण जी.

बाल मन में अपने सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति रूझान बढ़ाने हेतु इस बालगीत पर हार्दिक बधाई आदरणीय सौरभ जी.

आपने इस बाल गीत के उद्येश्य को ही रेखांकित किया है, आदरणीय विजय प्रकाशजी

सादर धन्यवाद

सुन्दर बाल गीत के लिए आपको हार्दिक बधाई .....सादर

आपके अनुमोदन से आश्वस्ति हुई है, आदरणीया महेश्वरीजी

सादर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"धन्यवाद  श्रोतिया जी....लगभग पाँच वर्ष बाद ओ बी ओ     पर अपनी हाज़िरी दी…"
29 minutes ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"जी, गिरह का शे'र    ग़ज़ल से अलग रहेगा बस यही अड़चन रोक रहीहै     …"
30 minutes ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
""पहुंचें" अन्य को आमंत्रित करता हुआ है इस वाक्य में, वह रखें तब भी समस्या यह है कि धीरे…"
35 minutes ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"अच्छे मिसरे बाँधे हैं अजय जी। परन्तु थोड़ा सा और तराशा जाए तो सभी अशआर और ज़ियादा चमकने लगेंगे। आपकी…"
1 hour ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"सजावट से रौनक बढ़ेगी भले हीबनेगा मकाँ  से  ये  घर धीरे धीरे// अच्छा शेर है! अच्छे…"
1 hour ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"अच्छी ग़ज़ल कही ऋचा जी। रदीफ़ की कठिनता ग़ज़लकार से और अधिक समय और मेहनत चाहती है। सभी मिसरो को और…"
2 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"सुलगता रहा इक शरर धीरे धीरेजलाता रहा वो ये घर धीरे धीरे// अच्छा मतला !! अन्य अशआर भी  अच्छे…"
2 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"ये दुनिया है दरिया उतर धीरे धीरे चला जा इधर से उधर धीरे धीरे वो नज़रें झुकाए अगर धीरे धीरे उतर ही न…"
3 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"निखर जायेंगे कम हुनर धीरे-धीरेअच्छा कहा अजेय जी         "
3 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"नमस्कार आभार आपने ग़ज़ल पर चर्चा की।  पहुंचे नहीं पहुंचें लिखा है अर्थात पहुंचेंगे। फिर भी…"
4 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण जी    "
4 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"जी "
4 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service