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ओबीओ कानपुर चैप्टर द्वारा आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता एवं सेमीनार: एक रपट



आज दिनाँक 29 अगस्त, दिन मंगलवार, ओपन बुक्स ऑन लाइन के, कानपुर चैप्टर के तत्वावधान में, आर०जी० एकेडमी रामादेवी कानपुर विद्यालय में, लघुकथा प्रतियोगिता एवं सेमिनार का आयोजन हुआ।

कार्य-क्रम में हमारे मंच की वरिष्ठ लेखिका आ० कुसुम सिंह जी जो कानपुर चैप्टर की सलाहकार भी है ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से चार चांद लगा दिए।

प्रतियोगिता में विद्यालय के विद्यार्थियों के साथ साथ अध्यापक अध्यापिकाओं ने भी रुचिपूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम माँ वागीशा के स्मरण के साथ आरम्भ हुआ।

कानपुर चैप्टर की संरक्षिका आ० अन्नपूर्णा बाजपेई जी ने उपस्थित विद्यार्थियों  को लघुकथा के आकार प्रकार के विषय मे बताया साथ ही बच्चों को हिंदी भाषा के महत्व और उपयोग के लिए भी जागरूक किया।

कक्षा नौ एवं दस के छात्र छात्राओं का उत्साह देखने योग्य था। सभी एक के बाद एक प्रश्न कर रहे थे जिनका उत्तर मंच से मिल रहा था।

एक प्रश्न के उत्तर में  ओबीओ के कार्य और कार्य शैली के बारे में बताते हुए आ० अन्नपूर्णा जी ने ओबीओ की उपलब्धियों से अवगत कराया।

कानपुर चैप्टर की सदस्या आ० कविता मिश्रा जी ने पत्रकारों को ओबीओ के विषय में जानकारी दी और बताया कि कानपुर चैप्टर  लघुकथा के प्रसार एवं प्रचार के लिए किस तरह से कृत संकल्प है।

विद्यार्थियों के आग्रह और आ० अन्नपूर्णा जी के आदेश पर सीमा सिंह ने अपनी कुछ लघुकथाओं का वाचन भी किया।

छात्र-छात्राओं को चालीस मिनट के समय में ‘माँ’विषय पर लघुकथा लिखने को कहा गया जो उन्होंने निर्धारित समय लिखकर हम बड़ों को भी अचंभित कर दिया।

सभी बच्चों ने अपने अपने स्तर पर बेहतर लिखा था। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी पच्चीस विद्यार्थियों को सहभागिता का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रहे आदित्य शर्मा, द्वितीय स्थान पर रही तान्या गौर तथा तृतीय स्थान पर रहे विनीत गुप्ता को कानपुर चैप्टर की ओर से प्रमाणपत्र के साथ स्मृति चिन्ह भी भेंट किए गए।





निर्णायक मंडल में सीमा सिंह, आ०कुसुम सिंह जी एवं विद्यालय की अध्यापिका आ० प्रभा मिश्रा जी सम्मिलित थी।

कार्य-क्रम के अंत मे विद्यालय प्रबंधक आ० अजय चौरसिया जी ने ओबीओ परिवार का आभार व्यक्त किया तथा ओबीओ की उन्नति की शुभकामनाओ के साथ पुनः आगमन का आमंत्रण भी दिया।

जलपान के उपरांत, शीध्र ही पुनः मिलने के वादे के साथ विदा हुए।

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यूं ही आगे बढ़ते रहें। शुभाशीष

शुक्रिया सर।

लघुकथा प्रतियोगिता एवं सेमिनार के सफल आयोजन हेतु हार्दिक बधाई और ढेरों शुभकामनाएँ

शुक्रिया चन्द्रेश भाई।
बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनायें । आपकी मेहनत और लगन और आपका अपनी विधा के लिए समर्पण,जिसके लिए आपको साधुवाद । स्नेहाशीष सीमा । बेहद ख़ुशी होती है आपकी इन गतिविधियों को देखकर ।
शुक्रिया दीदी।
इस प्रोत्साहक व मार्गदर्शक लघुकथा प्रतियोगिता व सेमिनार के आयोजक, संचालक व निर्णायक मंडल और विजेता छात्र-छात्राओं एवं सभी सहभागियों को तहे दिल से बहुत-बहुत हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। विद्यार्थियों की सहभागिता विधा का उज्जवल सुनिश्चित करती है।
शुक्रिया शहज़ाद भाई! सचमुच विद्यार्थियों का उत्साह देख कर बहुत आशाएँ जुड़ती हैं।
सभी का स्नेहाशीष बना रहे और हम निरन्तर अपने कर्तव्य पथ पर यूँ ही आगे बढ़ते रहे इसके लिए आप सभी की शुभकामनाएं और स्नेह मार्गदर्शक बने यही अभिलाषा है ।
मुहतर्मा सीमा साहिबा ,लघुकथा प्रतियोगिता और सेमिनार के कामयाब आयोजन के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं
बहुत बहुत शुक्रिया आ० तसदीक़ अहमद साहब।
बहुत अच्छा कार्य कर रहे है आप लोग,बच्चों के मन में लघुकथा के प्रति रुझान देखकर लगता है निश्चित ही लघुकथा का भविष्य उज्जवल है बधाईयां व शुभकामनायें

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