For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लम्हों की तितलियाँ - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर ' ( गजल )

२२१/२१२१/२२२/१२१२


धन से न आप तोलिए लम्हों की तितलियाँ
कहना फजूल खोलिए लम्हों की तितलियाँ।१।

****
उड़ती हैं आसपास नित सबके मचल - मचल
पकड़ी हैं किस ने बोलिए लम्हों की तितलियाँ।२।

****
सुनते  जमाना  उन  का ही  होता  रहा  सदा
फिरते हैं साथ जो  लिए लम्हों की तितलियाँ।३।

****
किस्मत हैं लाए  साथ  में  तुमसे ही ब्याहने
कहती हैं द्वार खोलिए लम्हों की तितलियाँ।४।

****
जिसने न खोला  द्वार  फिर आती कभी नहीं
कितना भी चाहे रो लिए लम्हों की तितलियाँ।५।

****
मौलिक/अप्रकाशित
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

Views: 964

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 4, 2019 at 8:44pm

आ. भाई महेंद्र जी सादर अभिवादन। लम्बे अंतराल के बाद आपकी उपस्थिति से मन प्रशन्न हुआ। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद ।

Comment by Mahendra Kumar on December 4, 2019 at 6:08pm

बढ़िया ग़ज़ल है आदरणीय लक्ष्मण धामी जी। हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। सादर।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 3, 2019 at 8:24pm

आ. भाई सलीम जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।

Comment by SALIM RAZA REWA on December 3, 2019 at 6:44pm

भाई लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'जी खूबसूरत ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 29, 2019 at 1:37pm

आ. भाई सुरेंद्र जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।

Comment by नाथ सोनांचली on November 28, 2019 at 8:48pm

आद0 लक्ष्मण धामी जी सादर अभिवादन। ग़ज़ल का बेहतरीन प्रयास के लिए बधाई स्वीकार कीजिये

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 28, 2019 at 4:30pm

आ. भाई समर कबीर जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्उधन के लिए हार्दिक धन्यवाद।

Comment by Samar kabeer on November 28, 2019 at 10:41am

जनाब लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 28, 2019 at 8:46am

आ. भाई दिगम्बर जी, सादर अभिवादन ।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।

Comment by दिगंबर नासवा on November 28, 2019 at 8:10am

बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल हुयी है मुसाफिर जी ... मज़ा आया पढने के बाद ... मेरी दिली दाद कबूल फरमाएं ...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
23 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service