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आदरणीय काव्य-रसिको,

सादर अभिवादन !

 

चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का यह आयोजन लगातार क्रम में इस बार पंचान्बेवाँ आयोजन है.   

 

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  

16 मार्च 2019 दिन शनिवार से 17 मार्च 2019 दिन रविवार तक
 
इस बार का छंद है - 

दोहा छंद  

हम आयोजन के अंतरगत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं. छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है, दिये गये चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या दोहा-ग़ज़ल या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

साथ ही, रचनाओं की संख्या पर कोई बन्धन नहीं है.    

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगे 

दोहा छंद के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, अन्यान्य छन्दों के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

********************************************************

आयोजन सम्बन्धी नोट 

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 

16 मार्च 2019 दिन शनिवार से 17 मार्च 2019 दिन रविवार तक, यानी दो दिनों के लिए, रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें। 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  8. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

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विशेष :

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मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

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Replies to This Discussion

आदरणीय अखिलेश जी प्रस्तुति पर उपस्थित होकर उत्साहवर्धन करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद

बदला मौसम देश का, बदला दिखे मिजाज

सीमा पर नारी खडी,  बनकर  प्रहरी आज 

अहा सैन्य गणवेश का, बढ़ा रही है मान 

मना रहा दिल खोलकर,

होली हिन्दुस्तान.//वाह बहुत सुन्दर  इस सुन्दर दोहागीत के लिये हार्दिक बधाई आदरणीय सत्यनारायण सिंह जी

आदरणीया प्रतिभा पांडे जी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका हृदय से आभार

वाह। सुंदर शब्दावली व शिल्प में दिलचस्प व सटीक दोहागीत हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय सत्यनारायण सिंह साहिब।

आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी प्रस्तुति पर उपस्थित होकर उत्साहवर्धन करने के लिए आपका हृदय से आभार

आ. भाई सत्यनारायण जी, चित्रानुरूप सुंदर गीत हुआ है । हार्दिक बधाई ।

उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका हृदय से आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी

आओ ए सखि आज मैं, मल दूँ तुम्हें गुलाल

हरा लगाऊँ एक पर, लाल दूसरे गाल

थोड़ी सी चूनर सखी, पीछे लो सरकाय

ताकि तुम्हारे गाल पर, रंग ज़रा चढ़ जाय

होली के ये रंग सब, ज्यूँ मिल होते एक

वैसे ही इस जगत के, सब जन होवें एक

होली का यह पर्व है, मनस मिलन त्यौहार

बटें मिठाई चिप्स औ, गुझिया का उपहार

आदरणीय  पंकज भाई जी

सुंदर सार्थक दोहावली, हृदय से बधाई

ज्यूँ मिल ...... ज्यों मिल ..... या मिलकर लिखना सही है

सुन्दर दोहावली  हार्दिक बधाई आदरणीय पंकज जी

 आदरणीय पंकज जी प्रदत्त चित्र पर सार्थक एवं सुंदर दोहावली के सृजन हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें

आ. भाई पंकज जी, सुंदर दोहावली हुई है । हार्दिक बधाई।

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