For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रतियोगिता परिणाम "चित्र से काव्य तक" अंक -३

नमस्कार साथियों,

 

"चित्र से काव्य तक" अंक -3 प्रतियोगिता से संबधित निर्णायकों का निर्णय आपके समक्ष प्रस्तुत करने  का समय आ गया है | अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि लगातार पाँच दिनों तक चली यह प्रतियोगिता पिछले अंक-2 की तुलना में बड़ी ही सफल रही| इसके अंतर्गत  पिछली १०२५ रिप्लाई की तुलना में कुल १६३३ रिप्लाई आयीं हैं जिसने ओ बी ओ के सभी पुराने कीर्तिमान ध्वस्त कर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया|  इस प्रतियोगिता में अधिकतर दोहा , गज़ल,  कुंडली, घनाक्षरी, रुबाई, हाइकू व छंदमुक्त सहित अनेक विधाओं में मनभावन रचनाएँ प्रस्तुत की गयीं| इस बारे में सबसे खास बात तो यह है कि इसी प्रतियोगिता के दौरान भाई गणेश जी बागी द्वारा काव्य की एक नयी विधा "एकादशी" का सूत्रपात किया गया | हाइकू के बाद अब "एकादशी" छंद विश्व की सबसे छोटी कविता के रूप में प्रतिष्ठित हो रहा है... इस बार यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि प्रतिभागियों में एक ओर जहाँ पर आदरणीय धर्मेन्द्र शर्मा व आदरणीय योगराज प्रभाकर जी नें अंत तक अपनी बेहतरीन टिप्पणियों के माध्यम से सभी प्रतिभागियों व संचालकों में आपसी संवाद कायम रखा तो वहीं दूसरी ओर आदरणीय आचार्य संजीव ‘सलिल’ जी नें अपनी प्रतिक्रियाओं में दोहा , कुण्डलिया व घनाक्षरी छंदों का प्रयोग करके इस प्रतियोगिता में एक गज़ब का आकर्षण उत्पन्न कर दिया....दोहों के माध्यम से होने वाले सवालों और जवाबों की छटा तो देखते ही बनती थी | इस मंच पर इस बार कुण्डलिया छंद की विस्तृत व्याख्या भी की गयी|  आदरणीया शारदा मोंगा जी नें अपनी सर्वाधिक १७ रचनाओं के माध्यम से चित्र आधारित अभिव्यक्ति तो दी ही साथ-साथ उन्होंने कृष्ण-भक्ति भाव को इस चित्र से जोड़ते हुए का अपनी रचनाधर्मिता का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया | न  केवल यह अपितु शारदा जी नें भी इस बार दोहों पर जम कर हाथ आजमाया| इस बार  इस प्रतियोगिता के आयोजकों एवं संचालकों यथा भाई योगराज जी, भाई बागी जी,  आचार्य "सलिल" जी व भाई धर्मेन्द्र जी आदि सहित अन्य मित्रों नें भी प्रतियोगिता से बाहर रहकर मात्र उत्साहवर्धन के उद्देश्य से ही अपनी-अपनी स्तरीय रचनाएँ तो पोस्ट कीं ही साथ-साथ अन्य साथियों की रचनायों की खुले दिल से समीक्षा व प्रशंसा भी की जो कि इस प्रतियोगिता की गति को बढ़ाने में उत्प्रेरक का काम करती रहीं|  प्रसन्नता की बात यह है इस प्रतियोगिता के अंतर्गत पोस्ट की गयीं अधिकतर रचनाएँ प्रायः दर्शाए गए चित्र पर काफी हद तक आधारित थीं | इस बार हमनें यह भी महसूस किया है कि रचनाओं की गुणवत्ता में अपेक्षित सुधार आता जा रहा है|

इस साहित्य-यज्ञ में काव्य रूपी आहुतियाँ डालने के लिए  के लिए सभी ओ बी ओ मित्रों हृदय से का बहुत-बहुत आभार...

 

प्रतियोगिता का निर्णय कुछ इस प्रकार से है...

 


प्रथम स्थान: 

श्री आलोक सीतापुरी - 

घनाक्षरी

कूड़ा-कचड़ा कबाड़ नदियों में डाल डाल,

भाग्य रेखा भारत की हमने उजाड़ी है| 

विश्व का अजूबा ताज उसको भी खतरा है,

जलवायु इतनी प्रदूषित हमारी है|

गंगा वह गंगा नहिं जमुना न जमुना है,

पूजनीया नदियों की सूरत बिगाड़ी हैं|

चेते नहीं अब भी हो जल को किया विषाक्त|

दुनिया कहेगी देश भारत अनाड़ी है ||


द्वितीय स्थान - (संयुक्त रूप से)

(१) श्रीमती लता ओझा - 

मन का धोते मैल थे ,किसको था ये भास..
एक दिन शुद्ध जल भी ,लेगा अंतिम श्वांस..
मल ही होगा चहुँ ओर , फैलेगी दुगंध .
पाप हरेगा कब कोई.,नदियों को अब आस..
ताज विश्व का आश्चर्य ,और प्रदूषण रोग ,,
किसको व्यथा नहीं ,घड़ियाल से लोग ..
नीर दोनों चक्षु बहे ,हाथ थामते नोट ..
वोटर से पुनरुद्धार के नाम ,पुनः मांगते वोट..
अब तो आस भी सिमट रही ,एक परदे की ओट
सिसकती नदियों की आह भी नहीं हृदय पे चोट ..

एवं

(२) श्री धर्मेंद्र शर्मा - 
अरे ओ ताज तेरी परछाई में जीने का गम उठा रहे हैं,
गंदगी जी रहे हैं, और गंदगी ही खा रहे हैं 

कारखाने की कालिख से तुझे परहेज़ नहीं,
हम खोफज़दा से डर डर के चूल्हा जला रहे हैं,

तेरी खूबसूरती को देखने तो उमड़ती है दुनिया,
हम और नदी ऐसी भीड़ के अत्याचार को निभा रहे हैं,

ख़ूबसूरती भी तुलना की अधीन होगी मालूम ना था
हमारे वजूद से ही होगा नुमाया तेरा वजूद,

कैसे फालतू के ख्याल ज़हन में आ रहे हैं? 
कविगण लगे हैं मानसिक युद्ध करने में अब,

ये मलिन बस्ती तो नहीं 
जिसे हम यमुना कहकर दिखा रहे हैं?

तृतीय स्थान - 

श्री इमरान खान - 

जमना! बस कहने को ही, तू पावन कहलाती है,
वरना तेरा मान किसे, तू रोज़ मलिन हो जाती है.


जमना यहाँ नहीं होती, कौन यहाँ फिर बस जाता, 
रमणीय गढ़-गरगज, निर्माण कौन फिर करवाता.


निर्लज्ज यहाँ सरकारें हैं, तेरा भान करेगा कौन,
मूक बधिर इस बस्ती में तेरा रुदन सुनेगा कौन.


क्या इसीलिए राजा का, तुझपे मन ललचाया था,
क्या इसीलिए तेरे अंगना, 'ताज महल' बनवाया था,


व्याकुल समय नयन से आज, अश्रुमाला बहती है,
निर्मल कोमल नदी नहीं, तू नाला बनकर बहती है,


मल करकट और सडन से पूजन की तैयारी है,
हे! गंगा की सगी बहिन भक्त तेरे व्यापारी हैं.


हे! पुत्रों बहुत हुआ बस और नहीं अट्टहास करो,

जमना को जीवित कर जल जीवन अविनाश करो.

 

प्रथम व द्वितीय ( संयुक्त ) व तृतीय स्थान के उपरोक्त चारों विजेताओं को सम्पूर्ण ओ बी ओ परिवार की ओर से बहुत-बहुत बधाई...

प्रथम व द्वितीय स्थान के उपरोक्त विजेता आगामी "चित्र से काव्य तक- प्रतियोगिता अंक ४" के निर्णायक के रूप में भी स्वतः नामित हो गए हैं |


अंत में हम सभी की ओर से इस प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के सदस्यों, आदरणीय श्री सौरभ पाण्डेय जी व आदरणीय श्री अरुण कुमार 'अभिनवजी का विशेष रूप से आभार  ..........

जय ओ बी ओ !
सादर:
अम्बरीष श्रीवास्तव

अध्यक्ष,

"चित्र से काव्य तक" ग्रुप 

Views: 2291

Attachments:

Replies to This Discussion

धन्यवाद मित्र ! मेरी ओर से पुनः बधाई स्वीकार करें !
आपका बहुत बहुत आभार धरम भाई !

निर्णायक मंडल के सभी सदस्य यथा पूर्व अंक के विजेता आदरणीय सौरभ भाई साहब व भाई अरुण कुमार पाण्डेय जी तथा अध्यक्ष (चित्र से काव्य समूह) सह मंच संचालक चित्र से काव्य प्रतियोगिता आदरणीय भाई अम्बरीश श्रीवास्तव जी को बहुत बहुत बधाई, आप सभी ने बहुत ही सराहनीय निर्णय दिया है |

प्रतियोगिता के इस अंक के विजेता आदरणीय आलोक सीतापुरी जी, आदरणीय धर्मेन्द्र जी, आदरणीया लता जी व प्रिय इमरान भाई को बहुत बहुत बधाई | जय हो ! 

हा मिठाई कब खिला रहे है आपलोग :-)

'बागी जी' आपका हार्दिक आभार और धन्यवाद....जी बिलकुल अब तो मिठाई ही खिलाई जाएगी आप सदर आमंत्रित हैं ... डिजिटल मिठाई अंतर्जाल के माध्यम से पहुंचायें या फिर आप साक्षात् दर्शन देने हमारे गरीबखाने तशरीफ़ ला रहे है...
इमरान पुत्तर - अगर मिठाई "डिजिटल" हुई तो फिर प्रमाण पत्र भी "डिजिटल" ही मिलेगा ! हा हा हा हा हा !
हृदय से आदरणीय भाई बागी जी ! सबसे पहले बधाई के पात्र तो आप हैं ...........जो आपनें हम सभी को ओ बी ओ जैसा एक अद्वितीय साहित्यिक मंच प्रदान किया ........... और रही मिठाई की बात ...........तो आप सभी की इन कविताओं के रस के आगे मिठाई तो कहीं भी नहीं ठहरती ......:फिर भी मिठाई तो खिलाई ही जायेगी ...........:))
निर्णायक मंडल को मेरा हार्दिक आभार ... यह पुरस्कार मेरी लेखन की प्यास को बढ़ने का काम करेगा ... विशिष्ट नाम तो मैं नहीं ले पा रहा हूँ ... सभी का हाथ मेरे सर पर ऐसे बना रहे बस येही दुआ है मेरी ..कोटिशः धन्यवाद
आदरणीय सीतापुरी जी, लता जी, धर्मेन्द्र जी एवं इमरान भाई को हार्दिक शुभ कामनाएँ ...अंबरीश जी का हार्दिक आभार मंच के सफल संचालन के लिए...आदरणीय प्रधान संपादक जी के कुशल मार्गदर्शन मे और सभी सुधि लेखकों एवं ओ बी ओ के सदस्यों के सान्निधय में इसी तरह हम नित साहित्या सरिता प्रवाह्माण रखेंगे.....और उसमे डुबकियाँ लेते रहेंगे.
धन्यवाद भाई दुष्यंत जी ! आयोजन में सहभागिता के लिए आपका बहुत-बहुत आभार मित्र..........बस यूं ही स्नेह बनाये रखिये

पूर्व के पोस्ट में मैं एक बात कहना भूल गया था .......

परिणाम को इस खूबसूरती के साथ प्रस्तुत करने हेतु भाई अम्बरीश जी धन्यवाद के पात्र है, बहुत बहुत बधाई मित्र |

आपका हृदय से आभार मित्र !
चित्र से काव्य तक अंक - तीन के समस्त सृजनशील विजेता साहित्यिक सदस्यों श्री अलोक सीतापुरी जी, धर्मेन्द्र शर्मा जी, श्रीमती लता ओझा जी एवं इमरान खान जी को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ! सच मुच यह आयोजन अपने आपमें एक कीर्तिमान रहा ! सफल सञ्चालन और कुशल निर्णय के लिए संचालक श्री अम्बरीश जी और पूरी टीम को बधाई !

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
5 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
5 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
6 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति के लिए ।"
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छन्द पर उपस्तिथि और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ…"
6 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" आदरणीय अखिलेश जी छन्द पर उपस्तिथि उत्साहर्धन और मार्गदर्शन के लिए आपका हार्दिक आभार। दीपोत्सव…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुति में जिन चिह्नों से युग्मकों को अलग किया गया है उन्हें हटा दिया…"
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service