For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

स्मार्ट (लघुकथा)राहिला

"हैलो.., गुड मॉर्निंग मैडम!"
"गुड मॉर्निंग, कौन बोल रहे हैं?"
"मैडम ! हम एस बी आई से बोल रहे हैं।
मैडम ! आपका एटीएम ब्लॉक होने वाला है, यदि आप चाहती हैं कि आपका एटीएम यथावत चालू रहे, तो आप अपने एटीएम का नम्बर वेरिफाई करवाएं।"
"ये आप क्या कह रहे हैं?"
"घबराइए नहीं मैडम ! यदि आप इस असुविधा से बचना चाहिती हैं तो अपना  एटीएम नम्बर बतलायें।"
"भाई साहब! नम्बर तो मैं बता दूं, लेकिन थोड़ी देर बाद कॉल कीजियेगा ।पहले जरा इनकी खबर ले लूं इनकी हिम्मत कैसे हुई मेरा एटीएम ब्लॉक करने की ।"
"अरे मैडम आपका एटीएम बैंक द्वारा बंद किया जा रहा है , आपके पति द्वारा नहीं।"
"तो भाईसाहब! बैंक के मैनेजर तो यही है ना ।"
"टूँ... टूँ... टूँ...,"
"अरे..! फोन काट दिया ?"
उसने कृत्रिम भोला बन, मुस्कुरा कर कहा।
" क्यों श्रीमती जी! मैं बैंक मैनेजर कब से हो गया? सुबह-सुबह किसे बेबकूफ बना रही थीं? पति ने स्कूटर की चाबी उठाते हुए पूछा ।
"उसे, जिसने मुझे बेवकूफ समझा था ।" कहते हुए वह एक भौंह टेढ़ी करके मुस्कुरा दी।

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 659

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 28, 2017 at 10:16pm

अच्छी कथा हुई है । हार्दिक बधाई , राहिला जी ।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on December 28, 2017 at 6:18pm

मुहतर्मा राहिला साहिबा ,सुन्दर लघुकथा हुई है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ।

Comment by Mahendra Kumar on December 28, 2017 at 2:57pm

आजकल ऐसी धोखाधड़ी आम हो चुकी है. इसको आधार बना कर अच्छी लघुकथा लिखी है आपने आ. राहिला जी. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. वैसे बैंक का नाम नहीं भी देंगी तो काम चल जाएगा. सादर

Comment by Rahila on December 28, 2017 at 2:50pm

बहुत -बहुत शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सर जी!

Comment by Rahila on December 28, 2017 at 2:50pm

बहुत -बहुत शुक्रिया प्रिय दीदी!सादर

Comment by Rahila on December 28, 2017 at 2:49pm

बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय कबीर साहब!

Comment by Rahila on December 28, 2017 at 2:49pm

बहुत शुक्रिया आदरणीय आरिफ़ साहब!आपके ध्यान दिलाने पर मैन सुधार भी कर दिया है।सादर

Comment by TEJ VEER SINGH on December 28, 2017 at 1:27pm

हार्दिक बधाई आदरणीय राहिला जी।बेहतरीन लघुकथा।

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on December 27, 2017 at 9:45pm

हाहा ! राहिला जी यह ऐ टी एम् तो मजेदार है| हार्दिक बधाई|

Comment by Samar kabeer on December 27, 2017 at 9:10pm

मोहतरमा राहिला जी आदाब,सुंदर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
16 hours ago
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service