For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको,

सादर अभिवादन !

चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का आयोजन लगातार क्रम में इस बार  अठहत्तरवाँ आयोजन है.  

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  

20 अक्टूबर 2017 दिन शुक्रवार से 21 अक्टूबर  2017 दिन शनिवार तक

इस बार के छंद हैं -सरसी छंद और कामरूप छंद  

हम आयोजन के अंतरगत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं.  छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है,  चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.

साथ ही, रचनाओं की संख्या पर कोई बन्धन नहीं है. किन्तु, उचित यही होगा कि एक से अधिक रचनाएँ प्रस्तुत करनी हों तो छन्द बदल दें.  

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.

कामरूप छन्द के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक...

 

सरसी छन्द के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

[प्रस्तुत चित्र अंतर्जाल से]

जैसा कि विदित है, अन्यान्य छन्दों के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

********************************************************

आयोजन सम्बन्धी नोट :

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 20 अक्टूबर 2017 दिन शुक्रवार से 21 अक्टूबर  2017 दिन शनिवार तक यानी दो दिनों केलिए रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें। 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  8. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष :

यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 6557

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आद0 अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी सादर अभिवादन, दीपावली की हार्दिक शुभकामनाओं संग चित्रानुरूप रचना पर हार्दिक बधाई।

आदरणीय सुरेन्द्र भाई

आपसे मिली प्रशंसा उत्साहवर्धक है।  हृदय से धन्यवाद आभार।

मातु पिता ना संग सहेली, है कितनी मजबूर।
मन न लगे इस दीवाली में, घर से इतनी दूर॥..घर से दूर रहकर पढने / कामकरने वाली कन्या का सुन्दर चित्रण किया है आपने छंदों में ,हार्दिक बधाई प्रेषित है आदरणीय अखिलेश  जी 

आदरणीय प्रतिभाजी

आपसे मिली प्रशंसा उत्साहवर्धक है। लिख्नना सार्थक हो गया। हृदय से धन्यवाद आभार।

आदरणीय अखिलेश जी दोनों ही छंद उम्दा हुए हैं,हार्दिक बधाई स्वीकारें

आदरणीय सतविन्द्र भाई

आपसे मिली प्रशंसा उत्साहवर्धक है। लिख्नना सार्थक हो गया। हृदय से धन्यवाद आभार।  

खूब रचे हैं कविवर सरसी, देख चित्र यह ख़ास |

रहें अकेले तो होते हैं , बच्चे बहुत उदास ||

यह कन्या भी है एकाकी, हमको है स्वीकार |

अभिकलक संग बातें कर-कर, मना रही त्यौहार ||

आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर नमस्कार, प्रदत्त चित्र पर उत्तम भावों के साथ सुंदर सरसी और कामरूप छंद रचे हैं आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर.

आदरणीय अखिलेश जी प्रदत्त चित्र को परिभाषित करते दोनों छंद बहुत ही सुन्दर बन पड़े हैं सादर बधाई स्वीकारें
सरसी छन्द

पढ़ती लिखती अपनी बेटी,रखती घर की शान
सीख पढ़ाई कम्प्यूटर की,बना रही पहचान

शिक्षा की वह दीप जलाती,सदा बढ़ाती मान
कितना भी ऊँचा पद पाती,करती नहीं गुमान

स्वाभिमान अरमान जगाती,निशदिन करती काम
स्वेद बहाती हँसती गाती,देती है पैगाम

चमन महकता है बेटी से,करती घर गुलजार
अपना कौशल दिखलाती है,पाती स्नेह दुलार

लाख मुश्किलें आती जाती ,हँसकर करती पार
प्रेम भाव को सदा जगाती,ना करती तकरार

कम्प्यूटर की इस दुनिया में,सबको करती मात
अंतरिक्ष मे कदम बढ़ाती देती है सौगात

विज्ञान के इस बढ़ते युग में,कर जाती हर काम
नील गगन में उड़ती जाती,कमा रही है नाम

प्रतिभा के बलबूते बेटी,भरती नयी उड़ान
उड़ती नभ में पाँव जमीं पर, हर पल रखती ध्यान

सबका घर आँगन चहकाती,बोले मीठी बोल
आँगन की चिड़िया मुँहबोली, करती सदा कलोल

दिग दिगन्त में विगुल बजाती,करती नया बिहान
बेटी सारा चमन सजाये,कहता ये विज्ञान

घर घर दीप जले परहित में,हो समता का भाव
अमन चैन से रहें सभी जन,करें न कभी दुराव

दीवाली में दीप जलाकर,देती है सन्देश
सबसे प्यारा सबसे न्यारा,अपना भारत देश


मौलिक एवं अप्रकाशित
आ0 छोटे लाल जी सरसी छंद में आज के कम्प्यूटर के युग में नारी के संघर्ष का सजीव चित्रण। दीपावली की शुभ कामना के साथ रचना की बधाई।
विज्ञान के इस बढ़ते युग में यहाँ मात्रा 17 हो रही है तथा लय बाधित है।
विज्ञान ज्ञान के इस युग में कर सकते हैं।
आदरणीय बासुदेव जी सादर नमन। रचना पर आपकी टिप्पणी पाकर उत्साहित हूं, लेखन सार्थक हुआ। संकलन आने पर सुधार के लिए निवेदन करूँगा। सादर। आपका पुनश्च आभार।
आदरणीय छोटे लाल जी आदाब,प्रदत्त विषय पर सरसी छंद का अच्छा प्रयास । आपने प्रदत्त चित्र का वर्णन न करके केवल बेटी की महिमा का बखान कर दिया । हार्दिक बधाई और दीपावली की शुभकामनाएँ ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Richa Yadav जी आदाब। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। हर तरफ शोर है मुक़दमे…"
18 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"एक शेर छूट गया इसे भी देखिएगा- मिट गयी जब ये दूरियाँ दिल कीतब धरा पर का फासला क्या है।९।"
19 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई अमित जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल से मंच का शुभारम्भ करने के लिए बहुत बहुत हार्दिक…"
23 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी आदाब।  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार…"
30 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"2122 1212 22 बात करते नहीं हुआ क्या है हमसे बोलो हुई ख़ता क्या है 1 मूसलाधार आज बारिश है बादलों से…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"खुद को चाहा तो जग बुरा क्या है ये बुरा है  तो  फिर  भला क्या है।१। * इस सियासत को…"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर अभिवादन, आदरणीय।"
4 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ग़ज़ल~2122 1212 22/112 इस तकल्लुफ़ में अब रखा क्या है हाल-ए-दिल कह दे सोचता क्या है ये झिझक कैसी ये…"
8 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"स्वागतम"
8 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .

दोहा पंचक  . . . .( अपवाद के चलते उर्दू शब्दों में नुक्ते नहीं लगाये गये  )टूटे प्यालों में नहीं,…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service