For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको,

सादर अभिवादन !

 

चित्र से काव्य तक छन्दोत्सव का आयोजन लगातार क्रम में इस बार छिहत्तरवाँ आयोजन है.  

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  

18 अगस्त 2017 दिन शुक्रवार से 19 अगस्त 2017 दिन शनिवार तक

इस बार के छंद हैं -

सरसी छंद और सार छंद

हम आयोजन के अंतरगत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं.  छन्दों को आधार बनाते हुए प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द-रचना तो करनी ही है,  चित्र को आधार बनाते हुए छंद आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं. साथ ही, रचनाओं की संख्या पर कोई बन्धन नहीं है. किन्तु, उचित यही होगा कि एक से अधिक रचनाएँ प्रस्तुत करनी हों तो छन्द बदल दें.   

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.

सार छन्द के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

 

सरसी छन्द के मूलभूत नियमों से परिचित होने के लिए यहाँ क्लिक करें

जैसा कि विदित है, अन्यान्य छन्दों के विधानों की मूलभूत जानकारियाँ इसी पटल के  भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

 

[प्रस्तुत चित्र अंतर्जाल से]

आयोजन सम्बन्धी नोट :

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 18 अगस्त 2017 दिन शुक्रवार से 19 अगस्त 2017 दिन शनिवार तक यानी दो दिनों केलिए रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. अपने पोस्ट या अपनी टिप्पणी को सदस्य स्वयं ही किसी हालत में डिलिट न करें। 
  5. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  6. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  7. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  8. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

विशेष :

यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com  परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 10153

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीया प्रतिभा जी दिल से शुक्रिया आपका मेरी हौसलाफजाई कर रचना को मान देने के लिए सादर ।

बहुत सुंदर तरीके से चित्र को सजीव किया है आपने आदरणीया  सुनंदा जी | हार्दिक बधाई |

हृदय तल से आभार आपका आदरणीया कल्पना जी रचना को मान देने के लिए और मेरा हौसला बढ़ाने के लिए सादर ।

पढ़ने लिखने से हम सारे ,हो चाहें मजबूर ।
देशभक्ति का जज़्बा खूं में ,बहता है भरपूर ।.......वाह ! बहुत खूब.

आदरणीया सुनंदा झा जी सादर, प्रदत्त चित्र को परिभाषित करते सुंदर सरसी छंद रचे हैं आपने. बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें. एक जगह अवश्य मात्रा गणना में चूक हुई है. सादर.

देश भक्ति के रंग भरे हैं, छंद-छंद में खूब |

रचे आपने भी तो सारे , सच भावों में डूब ||

बहुत बधाई देता हूँ मैं, करें आप स्वीकार |

सरसी के पश्चात रचे अब, दूजा है जो सार ||

आदरणीय रक्ताले सर हृदय तल से आभार आपका रचना की सराहना कर मेरा हौसला बढ़ाने के लिए सादर ।आपका आदेश सर आँखों पर रखते हुए उसी चित्र पर सार छंद में एक कोशिश :--

सार छंद (16,12 यति)

हम भारत माता के बच्चे ,निश्छल हृदय हमारे ।
आजादी का जश्न मनाने ,हुए एकजुट सारे ।

चुन्नू मुन्नू मिलकर झंडा ,एक बना ले आये ।
मुग्ध हो रहे देख तिरंगा ,हवा संग लहराए ।

हालत इनकी आजादी की ,व्यथा सुना जाती है ।
हुए नहीं आजाद पूर्णतः ,झलकी दिखलाती है ।

तन ढकने को वस्त्र नहीं हैं ,पड़ते इनको पूरे ।
आखिर इन आँखों के सपने ,कब तक रहें अधूरे ।

विद्यालय की वर्दी इनके ,तन पर गर जो होती ।
देख इन्हें यूँ भारत माता ,नहीं सिसक कर रोती ।

खुश हैं बदहाली में भी यह ,मन के सीधे सच्चे ।
भारत माँ के सच्चे सैनिक ,हैं ये प्यारे बच्चे ।

'मौलिक व अप्रकाशित'

आदरणीया सुनंदा जी सादर बहुत-बहुत आभार आपने मेरे कहे को मान दिया. किन्तु यहाँ सूचना ही पर्याप्त थी.आप यह पोस्ट अलग थ्रेड में डालें, ताकि सभी इस पर प्रतिक्रिया दे सकें.  चित्र अनुरूप रचे उत्तम सार छंदों पर हार्दिक बधाई. सादर.

आदरणीय रक्ताले सर ,अभी मैं यहाँ के परिवेश के लिए नई हूँ यहाँ के नियमों की भी अधिक जानकारी नहीं इसलिए इसे यहीं पोस्ट किया सादर ।
बेहतरीन सार छंद सृजन के लिए सादर हार्दिक बधाई आपको आदरणीय सुनंदा झा जी। अंतिम दो छंद महत्वपूर्ण संदेश सम्प्रेषण करते हैं।
दिल से शुक्रिया आदरणीय शहज़ाद उस्मानी सर छंद की सराहना कर मेरा हौसला बढ़ाने के लिए सादर ।
मोहतरमा सुनन्दा झा साहिबा आदाब,बहुत उम्दा सारछन्द लिखे,बधाई स्वीकार करें ।

आद० सुनंदा झा जी, बहुत सुन्दर चित्र के अनुरूप छंद लिखे हैं जिसके लिए बहुत बहुत बधाई |

जान से ज्यादा प्यारी हमको --- जाँ से भी  प्यारी है हमको ---कर सकती हैं 

वैसे हम हिंदी भाषी जियादा नहीं ज्यादा या अधिक ही लिखते हैं किन्तु उर्दू का शब्द है अतः सही शब्द जियादा ही होता है .फिर इसे छंदों में प्रयोग करने के बजाय या तो अधिक या कोई और शब्द प्रयोग करें तो बेहतर होगा आ० समर भाई जी ने भी यही सुझाया जो मैंने लिखा है तो संकलन के वक़्त इसी से प्रतिस्थापित करवा लीजिएगा | --जाँ से भी  प्यारी है हमको

बाकी छंद बहुत सुंदर हुए हैं 

आदरणीया राजेश कुमारी जी बहुत बहुत आभार आपका इतने प्यारे तरीके से बातों को समझाने के लिए और मेरा हौसला बढ़ाने के लिए सादर ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
27 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
29 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
32 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम चंद गुप्ता जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
34 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
36 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई आदरणीय।"
38 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई आदरणीय।"
40 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और दाद-ओ-तहसीन से नवाज़ने के लिए तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
40 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, सबसे पहले ग़ज़ल पोस्ट करने व सुंदर ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें।"
46 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ग़ज़ल 2122 1212 22..इश्क क्या चीज है दुआ क्या हैंहम नहीं जानते अदा क्या है..पूछ मत हाल क्यों छिपाता…"
54 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई अमरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और सुझाव के लिए आभार।"
56 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन  के लिए आभार।"
56 minutes ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service