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"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-68

परम आत्मीय स्वजन,

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 68 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का मिसरा -ए-तरह हिंदुस्तान के मशहूर शायर जनाब बशीर बद्र साहब की ग़ज़ल से लिया गया है|

 
"फूल सा मुस्कुराता हुआ कौन है"

212   212     212      212

फाइलुन फाइलुन  फाइलुन फाइलुन

(बह्र: मुतदारिक मुसम्मन सालिम )

रदीफ़ :- कौन है
काफिया :- आ( जानता, बेवफा, सा, सरफिरा आदि)

 

 

मुशायरे की अवधि केवल दो दिन है | मुशायरे की शुरुआत दिनाकं 26 फरवरी दिन शुक्रवार को हो जाएगी और दिनांक 27 फरवरी दिन शनिवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा.

नियम एवं शर्तें:-

  • "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" में प्रति सदस्य अधिकतम एक ग़ज़ल ही प्रस्तुत की जा सकेगी |
  • एक ग़ज़ल में कम से कम 5 और ज्यादा से ज्यादा 11 अशआर ही होने चाहिए |
  • तरही मिसरा मतले को छोड़कर पूरी ग़ज़ल में कहीं न कहीं अवश्य इस्तेमाल करें| बिना तरही मिसरे वाली ग़ज़ल को स्थान नहीं दिया जायेगा|
  • शायरों से निवेदन है कि अपनी ग़ज़ल अच्छी तरह से देवनागरी के फ़ण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें | इमेज या ग़ज़ल का स्कैन रूप स्वीकार्य नहीं है|
  • ग़ज़ल पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे ग़ज़ल पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं| ग़ज़ल के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें|
  • वे साथी जो ग़ज़ल विधा के जानकार नहीं, अपनी रचना वरिष्ठ साथी की इस्लाह लेकर ही प्रस्तुत करेंI
  • नियम विरूद्ध, अस्तरीय ग़ज़लें और बेबहर मिसरों वाले शेर बिना किसी सूचना से हटाये जा सकते हैं जिस पर कोई आपत्ति स्वीकार्य नहीं होगी|
  • ग़ज़ल केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, किसी सदस्य की ग़ज़ल किसी अन्य सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगीI

विशेष अनुरोध:-

सदस्यों से विशेष अनुरोध है कि ग़ज़लों में बार बार संशोधन की गुजारिश न करें | ग़ज़ल को पोस्ट करते समय अच्छी तरह से पढ़कर टंकण की त्रुटियां अवश्य दूर कर लें | मुशायरे के दौरान होने वाली चर्चा में आये सुझावों को एक जगह नोट करते रहें और संकलन आ जाने पर किसी भी समय संशोधन का अनुरोध प्रस्तुत करें | 

मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है....

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 26 फरवरी दिन शुक्रवार  लगते ही खोल दिया जायेगा, यदि आप अभी तक ओपन
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मंच संचालक
राणा प्रताप सिंह 
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

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जनाब नीलेश नूर  साहिब ,आपकी  हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया।,महरबानी 

वाह ! बहुत खूब ग़ज़ल हुई है आपकी आदरणीय तस्दीक जी।  बधाई प्रेषित है 

मोहतरमा कान्ता   साहिबा  ,आपकी  हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया।,महरबानी 

प्यार के बाद में सोचता कौन है /जानिबे इंतहा देखता कौन है /

मुझको उनके तसव्वुर ने महका दिया/वर न गुल की तरह सूँघता कौन है /

 आ0 तस्दीक भाई उम्दा ग़ज़ल के लिए बधाई ।

जनाब लक्ष्मण धामी  साहिब  ,आपकी  हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया।,महरबानी 

आदरणीय तस्दीक़ साहब ,  मतले से लेकर मक़ते तक लाजवाब ग़ज़ल आपने प्रस्तुत की है ,  शेर दर शेर बधाई स्वीकार करें

मोहतरम जनाब अहमद हसन साहिब आदाब ,  ,  आपकी हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया ,महरबानी

ग़म न कर अपनि बे आबरुई पे तू

इस नगर में तुझे जानता कौन है /  बहुत बढ़िया 

था सुख़नवर गरीबी क मारा हुआ

वर न ईमान को बेचता कौन है / वाह वाह है बेहतरीन शेर 

फ़ैसला आजतक हो न पाया है यह

हुस्न और इश्क़ में बेवफ़ा कौन है / क्या खूब कहा है जनाब ने 

 तस्दीक जी उम्दा गजल के लिये दिली मुबारक बाद 

जनाब उमा शंकर ,साहिब  .... आपकी पुरजोश हौसला अफ़ज़ाई का तहे दिल से शुक्रिया ,महरबानी

आदरणीय तस्दीक़ अहमद ख़ान साहेब, इस प्रस्तुति के लिए दिली मुबारकबाद आपको।

ज़ोर आवर वो सबसे सिवा कौन है /

हाथ में है धनुष राम सा कौन है /

कृष्ण सा कौन है आपके साथ में

खाए माखन चले न पता कौन है /

तिफ़्ल ये खुशबुओं में बसा कौन है /

फूल सा मुस्कराता हुआ कौन है /

इसकि किलकारियां ख़ूब हैं नग़मगीं

ये चहकता हुआ श्याम सा कौन है /

गोपियाँ जैसे हों हालते रक़्स में

बांसुरी सा बजाता हुआ कौन है /

मिलने वाले सभी मुझको अच्छे लगे

सोचता हूँ कि मुझसे बुरा कौन है /

क़ाफ़िले में ख़मोशी है सहमी हुई

हमको मालूम है रहनुमा कौन है /

अपनि बस्ती में अफ़वाह की है हवा

ये तो देखें कि देता हवा कौन है /

ज़ोरे तूफां समुन्दर से कहता फिरा

कश्तिये नूह का नाखुदा कौन है /

शक्लोसूरत में चीनी हैं सब एक से

कुछ पता ही नहीं कौन सा कौन है /

जां से अहमद गए मेरे अपने सभी

पूछते हो मुझी से लुटा कौन है /

(मौलिक व अप्रकाशित )

बढ़िया प्रयास, बधाई

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