नैन समर्पण ....
नैन कटीले होठ रसीले
बाला ज्यों मधुशाला
कुंतल करें किलोल कपोल पर
लज्जित प्याले की हाला
अवगुंठन में गौर वर्ण से
तृषा चैन न पाये
चंचल पायल की रुनझुन से मन
भ्रमर हुआ मतवाला
प्रणय स्वरों की मौन अभिव्यक्ति
एकांत में करे उजाला
मधु पलों में नैन समर्पण
करें प्रेम श्रृंगार निराला
सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीय जितेन्द्र जी रचना पर आपकी स्नेहिल अभिव्यक्ति का हार्दिक आभार
आदरणीय नीरज जी रचना पर आपकी स्नेहिल अभिव्यक्ति का हार्दिक आभार
आदरणीय अरुन शर्मा अनन्त जी रचना पर आपकी स्नेहिल प्रशंसा का तहे दिल से शुक्रिया
बहुत सुन्दर ..
श्रृंगार रस से ओत प्रोत बहुत ही सुन्दर रचना आदरणीय हार्दिक बधाई स्वीकारें.
बहुत सुंदर रचना प्रस्तुति आदरणीय शुशील जी, हार्दिक बधाई आपको
आदरणीया विंदू बाबू जी रचना पर आपके स्नेहवर्धक उद्गारों का हार्दिक आभार
आदरणीय जवाहर लाल सिंह जी रचना पर आपके स्नेह का हार्दिक आभार
श्रृंगार रस सुंदर ढंग से उकेरा है आपने आदरणीय सुशील जी।
बधाई आपको
सुन्दर श्रृंगारिक रचना
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online