For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

“एक पोता भी  नही दे सकी कलमुंही”  वार्ड में सास की आवाज़ गूँजी,

इतने में अंदर आते हुये डॉक्टर ने जब ये सुना तो कहा- “पति के शरीर में एक्स- वाई(X-Y) क्रोमोसोम्स होते हैं, पत्नि के शरीर में एक्स-एक्स(X-X) क्रोमोसोम्स होते हैं, पति का वाई(Y) क्रोमोसोम पत्नि के एक्स(X) क्रोमोसोम से मिलता है तो बेटा होता है, पति का एक्स(X) क्रोमोसोम पत्नि के एक्स(X) क्रोमोसोम से मिलता है तो बेटी होती है l

पता नही आपके क्या समझ में आया?  लेकिन इतना सच जान लीजिये आपको पोता नही मिला उसका पूरा दोष आपके बेटे का है।“

 

बहू की आँखें मानो पूछ रही थी- “ क्या अब आप अपने बेटे से बोल सकती हैं एक पोता भी नही दे सका.....................?”

 

-मौलिक व अप्रकाशित

 

Views: 1046

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 27, 2013 at 7:32pm

आदरणीय बृजेश जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 27, 2013 at 7:31pm

आदरणीय सौरभ सर आपने रचना के मर्म को समझा बहुत बहुत शुक्रिया, मैं ये आसान शब्दों में समझाना चाहता था, मगर पूरी तरह से कामयाब न हो सका इसके बावजूद आप सभी का स्नेह मिला, निःसंदेह मेरा हौसला बढ़ा है आगे कोशिश रहेगी कि और अच्छा करूँगा आपका स्नेह बना रहे:-))
सादर

Comment by बृजेश नीरज on December 27, 2013 at 9:56am

मानसिकता नहीं बदलती! एक बहुत अच्छी लघु कथा! आपको हार्दिक बधाई!


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 27, 2013 at 2:21am

आधारभूमि में पड़े किसी बीज के सामर्थ्य के सापेक्ष अपने व्यक्तिगत मंतव्यों को आधारित न करने के स्थान पर आधारभूमि की उर्वरता तथा उसके पोषण-भाव पर ही संदेह करने का चलन अपने मानवीय समाज के लिए कितना बड़ा अभिशाप बन कर बजरा है यह कहने की आवश्यकता नहीं है.
यह अवश्य है कि क्रोमोसोम्स यानि गुण-सूत्र (वस्तुतः ऑटोसोम्स और सेक्सोसोम्स की प्रोटीनी लड़ियाँ) के व्यवहार की जानकारी के न होने का कारण मात्र अज्ञानता नहीं, बल्कि परपीड़ा भी है.


एक समृद्ध लघुकथा पोता के लिए हार्दिक बधाई, भाईजी.
शुभेच्छाएँ


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 25, 2013 at 8:56pm

आदरणीया महिमा जी आपका आभार


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 25, 2013 at 8:55pm

आदरणीय सत्यनारायण जी बहुत बहुत शुक्रिया

Comment by MAHIMA SHREE on December 25, 2013 at 8:23pm

डॉ कितना भी जींस  , क्रोमोजोम्स और डीएनए की बातें बता दे ...  मानसिकता नहीं बदलती .....क्योंकि इसके लिए शिक्षित  और खुला दिमाग भी होना पड़ेगा .माता जी को ..  हार्दिक बधाई आ. शिज्जू जी   

Comment by Satyanarayan Singh on December 25, 2013 at 7:57pm
आ. शिज्जू जी जब बेटी ही नही होगी तो फिर बेटा कहाँ से आयेगा इस वास्तविकता को वैज्ञानिक दृष्टी से समझाने का सार्थक प्रयास लघुकथा के माध्यम से आपने किया है हार्दिक बधाई

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 25, 2013 at 6:19pm

आपका बहुत बहुत शुक्रिया भाई अरुण जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on December 25, 2013 at 6:18pm

आपका बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय शुभ्रांशु जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"चल मुसाफ़िर तोहफ़ों की ओर (लघुकथा) : इंसानों की आधुनिक दुनिया से डरी हुई प्रकृति की दुनिया के शासक…"
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"सादर नमस्कार। विषयांतर्गत बहुत बढ़िया सकारात्मक विचारोत्तेजक और प्रेरक रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
8 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"आदाब। बेहतरीन सकारात्मक संदेश वाहक लघु लघुकथा से आयोजन का शुभारंभ करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन…"
9 hours ago
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"रोशनी की दस्तक - लघुकथा - "अम्मा, देखो दरवाजे पर कोई नेताजी आपको आवाज लगा रहे…"
19 hours ago
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"अंतिम दीया रात गए अँधेरे ने टिमटिमाते दीये से कहा,'अब तो मान जा।आ मेरे आगोश…"
20 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-115
"स्वागतम"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ

212 212 212 212  इस तमस में सँभलना है हर हाल में  दीप के भाव जलना है हर हाल में   हर अँधेरा निपट…See More
Tuesday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"//आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी, जितना ज़ोर आप इस बेकार की बहस और कुतर्क करने…"
Saturday
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत धन्यवाद"
Saturday
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी, जितना ज़ोर आप इस बेकार की बहस और कुतर्क करने…"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आ. रचना बहन, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172
"आ. भाई संजय जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service