For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - वो हर कश-म-कश से बचा चाहती है

मित्रों, कई दिन के बाद एक ग़ज़ल के चंद अशआर हो सके हैं, आपकी मुहब्बतों के नाम पेश कर रहा हूँ

वो हर कश-म-कश से बचा चाहती है |

वो मुझसे है पूछे, वो क्या चाहती है |

यूँ तंग आ चुकी है इन आसानियों से,

हयात अब कोई मसअला चाहती है |

उन्हें सोच लूँ या करूँ इसको पूरी,

ये ताज़ा ग़ज़ल जो हुआ चाहती है |

ये नाज़ुक सा रिश्ता रहे ? टूट जाये ?

समझ में न आए वो क्या चाहती है |

पढ़ो खुद को 'वीनस' समझ जाओगे तुम,

अभी शाइरी तज्रिबा चाहती है |

Views: 803

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by वीनस केसरी on March 7, 2013 at 3:23am

@ राज बुन्देली साहिब आपका बहुत बहुत शुकिया

Comment by वीनस केसरी on March 7, 2013 at 3:22am

@नादिर खान साहिब, आपकी नवाज़िश है

Comment by भावना तिवारी on February 22, 2013 at 7:12pm

उन्हें सोच लूँ या करूँ इसको पूरी,

ये ताज़ा ग़ज़ल जो हुआ चाहती है |

 .........wah ..sundar kahan ...

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on February 15, 2013 at 11:47pm

वाह वीनस भाई... सुन्दर ग़ज़ल...

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on February 13, 2013 at 12:00pm

अच्छी ग़ज़ल हुई है वीनस जी, दाद कुबूल करें

Comment by Abhinav Arun on February 11, 2013 at 9:02pm

वाह लाजावाब श्री वीनस जी -

यूँ तंग आ चुकी है इन आसानियों से,

हयात अब कोई मसअला चाहती है |

Comment by Alpana Verma on February 10, 2013 at 12:33am

उम्दा  ग़ज़ल.

Comment by vijay nikore on February 6, 2013 at 6:48pm

आदरणीय वीनस जी:

सारी गज़ल बहुत ही अच्छी बनी है।

बधाई।

विजय निकोर

Comment by वीनस केसरी on February 6, 2013 at 4:26am

इस ज़र्रा नवाजी के लिए आप सभी का तहे दिल से आभारी हूँ ....

Comment by SALIM RAZA REWA on February 5, 2013 at 9:32pm

पढ़ो खुद को 'वीनस' समझ जाओगे तुम,

अभी शाइरी तज्रिबा चाहती है |   achha sher hai vinas ji .. mubark bad qubuleN

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
9 hours ago
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
23 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय सुशील सरना जी, हार्दिक आभार आपका। सादर"
yesterday

प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। इस बार…See More
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया छंद

आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार।त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।।बरस रहे अंगार, धरा ये तपती…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना कि कुछ तो परदा नशीन रखना।कदम अना के हजार कुचले,न आस रखते हैं आसमां…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ओबीओ द्वारा इस सफल आयोजन की हार्दिक बधाई।"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
Tuesday
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
Tuesday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service