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खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

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साथियों आज ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के सदस्य तथा Active Member Of The Month आदरणीय श्री नविन सी. चतुर्वेदी जी का ४२ वा जन्म दिन है, आज के दिन ईश्वर से कामना है कि नविन भाई को दीर्घ, स्वस्थ और सफल जीवन प्रदान करे |
आप जैसा दोस्त और बड़ा भाई हर जनम मे हमको मिले |

प्रिय भाई नवीन जी,

जन्म दिवस कि बहुत बहुत बधाई हो ! भगवान और आपके समस्त कुटुम्ब को हर ख़ुशी और हर कामयाबी से नवाज़े ! चंद शेअर आपके जन्म दिवस के उपलक्ष्य में आप ही कि ज़मीन पर फिसलते फिसलते कहे हैं, जो आपकी नज़र कर रहा हूँ - कबूल फरमाएं ! :

झूमने लग पड़े हैं कदम दोस्तों !
चढ़ गई हो मुझे जैसे रम दोस्तों !

आज है मेरे मित्रवर का जन्मदिन,
कौई उल्लास भी होगा कम दोस्तों !

आज डालेंगे भंगड़ा ज़रा मस्त हो,
जैसे "पिच्चर"में नाचे "धरम" दोस्तों !

अपने घर में भी होगी बड़ी पार्टी,
खूब खुशियाँ मनाएंगे हम दोस्तों !

जो 42 का है 100 का भी होगा वो
रहे परमात्मा का करम दोस्तों !
Naveen Chadurvedi ji ko janmadin di hardik badhayee.
Naveen bhayee ji

aapko salgirah bahut mubarak ho....

aapki umr badhti jaye , binaa ghate :)

ab ye batayeN ki humari party kaha mil rahi hai
दिन महीने साल गजरते गये ,
आज भैया मेरे बयालीस के हो गये ,
मैं भी पीछे पीछे एकतालीस में दौर रहा ,
जन्म दिन मुबारक हो प्यार से बस इतना कहा ,
मस्त रही आपकी गजल मेरे भाईया ,
हरे आपकी सब काली माई बलाईया ,
आप जिए सौ साल सब का पाए यैसे प्यार ,
आप कोल्कता आये दर्सन दे एक बार ,
छोटा भाई आप का हु नाम रवि कुमार ,
OBO आप का जन्म दिन मनाये हर बार ,
बधाई स्वीकार करीं !! जुग जुग खुशी से हंसत खेलत रहीं अऊरी लिखत पढ़त रहीं ईहे कामना बा |
जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाए नवीन भैया.......भगवान से प्रार्थना है की वो आपको हर खुशी हर वो मुकाम प्रदान करें,......साथ ही साथ लंबी,सफल और दीर्घायु जीवन दें....

सम्मानीय नवीन भैया को जन्म दिन के इस सुभ अवसर पर हमारी और से करोड़ों-करोड़ों शुभकामनाएँ. प्रभु श्री कृष्ण आपकी हर तमना पूर्ण करे, आपको जीवन में कभी कोई भी ग़म ना आये.. खुशियाँ आपके घर-आँगन में हमेशा अपनी झांझर से मधु स्वर लहरियां बिखेरती रहे. आपकी कलम से ग़ज़लें और गीतों के सौंधी-सौंधी बयार हमारा भी तन-मन मीठे अहसासों से भरता रहे.. दुनिया की हर बुरी नज़र से आपको ईश्वर हेमशा बचाए रखे. आपका परिवार हमेशा रंग-बिरंगी खुशियों से रंगा रहे. इन्ही प्रार्थनाओं और शुभकामनाओं के साथ...HAPPY BIRTHDAY NAVEEN BHAIYA
Comment by Ganesh Jee "Bagi" 11 hours ago
Delete Comment मौत जीवन की अंतिम सच्चाई,
साथ सदा जैसे परछाई,
इससे अब घबराना कैसा?
पर मौत से पहले मर जाना कैसा?

वोह , बहुत ही बढ़िया रचना, आपने उन लाखो लोगो को संबल दिया है जो किसी भयंकर बिमारी से पीड़ित है और उनकी जिन्दगी चंद दिनों की है | राकेश भाई एक बेहतरीन और रग रग मे एक जोश का संचार कराती हुई रचना, उम्द्दा , बधाई आपको इस रचना हेतु,

राकेश भाई एक बात नहीं समझ मे आया, यदि उचित समझे तो OBO परिवार संग बाटे......."ये मुझ जैसे ही किसी की दास्ताँ है जिसे डॉक्टरों के अनुसार महज साल भर जीवित रहना है"
वन्दे मातरम दोस्तों,
आदरणीय बागी जी ये मेरी अपनी ही कहानी है, पिछले दस साल से मैं सिर दर्द से परेशान था, मैं इसको नजर अंदाज करता रहा ........ 24 अप्रैल को मेरे सिर मैं भयंकर दर्द का दौरा पड़ा ..... और मैं नीम बेहोशी की हालत मैं चला गया ...... मुझे G.T.B. ले जाया गया वहाँ से मेरी हालत को देख कर मुझे एहवास रेफर कर दिया यहाँ मेरे C.T.SCAN और M.R.I. कुछ टेस्ट हुए ........ प्रकिर्या पूरे 36 घंटे के लगभग चली, डाक्टर्स ने मेरी रिपोर्ट्स देखने के बाद मुझे G.B.PANT होस्पिटल मैं NEUROLOGY मैं रेफर कर दिया, इन डाक्टर्स के अनुसार मुझे माइग्रेन है जो अपनी अंतिम स्टेज पर है ........ मुझे कभी भी ब्रेन हेमरेज हो सकता है....... उन्होंने मुझे कुछ दवाइयां दी जो अगर मैं खाता रहूँ तो सम्भवत कुछ साल और मैं जीवित रह सकता हूँ अन्यथा मैं एक साल के अंदर कभी भी इस दुनिया से जा सकता हूँ.........
दोस्त ये दवाइयां मैं खा नही सकता क्योंकि ये सभी दवाइयां मुझे नशे की हालत मैं पहुंचा देती हैं, और मेरी स्तिथि एक जीवित मुर्दे जैसी होकर रह जाती है, मेरी कार्य छमता बिलकुल खत्म हो जाती है.
राकेश भाई, यह सब पढ़ने के बाद आँखों से अविरल धारा फूट पड़ी, आपकी रचना पढ़ कर कुछ तो अंदाजा हो गया था, इसलिये ही आप से और पूछने का साहस किया था, जहाँ पर सारा चिकित्सा विज्ञान ख़त्म हो जाता है, वहा से शुरू होता है, परम पिता परमेश्वर की चिकित्सा, ईश्वर आप को लम्बे समय तक हम लोगो के साथ रखे यही प्रार्थना है |ईश्वर करे की चिकित्सा विज्ञान गलत साबित हो और आप को कुछ न हो, हम सबको आप की बहुत बहुत बहुत जरूरत है |
वन्दे मातरम बागी जी,
आपके स्नेह के लिए आपका धन्यवाद, मुझे khushi है की इस mod par एक behtreen dost mila है...........
बागी जी मुझ को जानने वाले कहते है की मेरा हाथ मैं दो जीवन रेखा है, मेरा आत्म बल मुझे मौत के मुंह से भी वापिस ले आयेगा.......... दुसरे मेरे इष्ट देव बाला जी महाराज हैं......... सम्पूर्ण जीवन मैं बाला जी महाराज की क्रपा से मुझे एक बार भी पराजय का मुंह नही देखना पड़ा है......... उनकी क्रपा से सम्भव हुआ तो मौत से इस आँख मिचोली मैं अंतत जीत मेरी ही होगी, इतना विश्वाश मुझे है........ आगे हरी इच्छा.

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