For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

‎" ए.सी. और प्राइवेसी "

हे ईश्वर 
यह सच है की,
मैंने चाहा 'ए.सी' 
ये भी सच
मैंने माँगी 
'प्राइवेसी' 
हे अंतर्यामी 
रही चाहत मेरी सदैव 
रहूँ मैं लाईम-लाईट में
और
टिका रहे हर वक़्त मुझ पर ही कैमरा
आती रहे निरंतर कानो में
हरे-हरे नोटों के
फड़फड़ाने की आवाज़...
लेकिन
मेरी मुद्दत की तमन्नाओं का
ये क्या तर्जुमा.... मेरे परवरदिगार
आज खड़ा हूँ मैं बन कर
ATM का चौकीदार !!!

~ © AjAy Kum@r

Views: 408

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by AjAy Kumar Bohat on May 13, 2012 at 7:04pm

मेरे सभी ज्ञानी मित्रों का शुक्रिया, एक छोटी सी कोशिश की थी आप सब को हंसाने की.... :)

Comment by Abhinav Arun on May 13, 2012 at 6:57pm

हा हा हा रचना की विविधता और व्यंग्य मुग्ध करता है हार्दिक शुभकामनाएं

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 13, 2012 at 1:34pm

हाँ अजय जी ऐसे ही सब कुछ प्रभु पूरा कर देता है इस लिए हमें सोच सम्हलकर सपने बुनने चाहिए ..वो कथा राजा जिसे छुए सोना बन जाए बाद में घर का सामन बेटा बेटी सोने में तब्दील ..फिर उसका भोजन भी .. ..सुन्दर ..भ्रमर ५ 

Comment by Bhawesh Rajpal on May 13, 2012 at 8:26am
बहुत खूब   ! अजय  जी , भगवान भी  मांगने वालों से कभी-कभी मजाक कर बैठते हैं  !
मजेदार  हास्य  !   हार्दिक बधाई  ! - भवेश  राजपाल  ! 
Comment by MAHIMA SHREE on May 12, 2012 at 6:47pm

हाहाहा बहुत खूब .. :)


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 12, 2012 at 12:52pm

हाहाहा ..अजय कुमार जी तुम्हारी सभी इच्छा तो पूरी कि है प्रभु ने, देखो ऐ सी भी है हरे हरे नोट भी हैं हर वक़्त सी सी कमरे भी तुम्हारी ऊपर लगे हैं प्राइवेसी भी है फिर शिकायत क्यूँ ???

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
17 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
17 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह से लेखन को पूर्णता मिली। हार्दिक आभार।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, हार्दिक धन्यवाद।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई गणेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
18 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service