For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

‘बाबू जी, ग्यारह महीने हो गए, मगर अब तक मुझे  पेंशन, बीमा, ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण कुछ भी नहीं मिला I

‘मिलेगा कैसे अभी स्वीकृत ही कहाँ हुआ ?’

‘पर काहे नहीं हुआ ? हमने तो रिटायर होने के छः माह पहले ही सारे प्रपत्र भर कर दे दिए थे I’

‘ज्यादा भोले मत बनो, तुमने भी साठ साल की उम्र तक नौकरी की है I तुम्हें  नहीं पता सरकारी काम–काज कैसे होता है ?’

‘पता है बाबू जी, इसीलिये मैंने आपको पैसे पहले ही दे दिए थे I ‘

‘हां, तो तुम्हे फंड तो मिल गया न ?’

‘तो क्या हर भुगतान के अलग-अलग पैसे देने होंगे ?’

‘क्या यह भी आपको बताना पड़ेगा ?’

‘तो यह बरियन बरियन-बरियन नमक तो हम नाहीं डाल पायेंगे I’

‘बुजुर्गवार कहाँ है आप I यह बरियों का जमाना नही है i यह ज़माना इटैलियन पिज्जा, अमेरिकन बर्गर और चाईनीज फ़ूड का है I इसमें केवल नमक से काम नही चलता और बहुत कुछ डालना पड़ता है I समझ गये न आप ?

‘हा समझ गया, बाबू जी i कभी मैं भी सरकारी कुर्सी पर था I वहाँ रहकर जो मैंने किया उसका खामियाजा भी तो मुझे ही भुगतना पड़ेगा I ’

 

(मौलिक/अप्रकाशित )

Views: 566

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 17, 2018 at 11:55am

आ० समर कबीर साहब , बहुर -बहुत शुक्रिया 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 17, 2018 at 11:54am

आ० शेख  शहजाद उस्मानी  साहब., बहुत-बहुत धन्यवाद 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 17, 2018 at 11:52am

आ० सुरेन्द्र इंसान जी , आपका आभार i 

Comment by Samar kabeer on December 16, 2018 at 11:57pm

जनाब डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी आदाब,अच्छी लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on December 14, 2018 at 6:51am

कृपया "लघु कथा" को सुधार कर "लघुकथा" लिख दीजियेगा।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on December 14, 2018 at 6:49am

वाह। दोहरे कटाक्ष। दोहरी स्वीकारोक्ति! जैसे को तैसा। हालात-ए-हाज़रा। बेहतरीन सारगर्भित विचारोत्तेजक सबक़। हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ. गोपाल नारायण श्रीवास्तव साहिब।

Comment by surender insan on December 13, 2018 at 10:42am

बहुत बढ़िया जी । सार्थक रचना की बधाई हो ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

AMAN SINHA posted blog posts
52 minutes ago
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: सही सही बता है क्या

1212 1212सही सही बता है क्याभला है क्या बुरा है क्यान इश्क़ है न चारागरतो दर्द की दवा है क्यालहू सा…See More
53 minutes ago
Sushil Sarna posted blog posts
53 minutes ago
दिनेश कुमार posted blog posts
53 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन अभिवादन व हार्दिक आभार।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी. सादर "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुन्दर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
" आदरणीय अशोक जी उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"  कोई  बे-रंग  रह नहीं सकता होता  ऐसा कमाल  होली का...वाह.. इस सुन्दर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"बहुत सुन्दर दोहावली.. हार्दिक बधाई आदरणीय "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service