For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बहुत चुनावी शोर : पाँच दोहे // सौरभ

हमें अबूझा ही लगा, लोकतंत्र का रूप ..
रात-रात भर मंत्रणा, करती व्याकुल धूप !

 

कैसे कितना कौन कब, किसे लगाता तेल
गणना-गणित चुनाव का, भितरघात-धुरखेल

 

बहुत कमीने रहनुमा, क्या हम बाँधें आस
इंद्रमंच पर बैठ कर, करते हैं बकवास ।।

 

दिखा-दिखा वह तर्जनी, पुलक रहा हर बार
मालिक हम भी जानते, क्या होती सरकार !!

 

राजा-राजा खेलते, बेवकूफ हम रंक !
उँगली थामे सोचिए, दाग लगा या डंक ?
***
सौरभ

(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 490

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 17, 2020 at 8:05pm

वाह वाह आदरणीय सौरभ जी...बहुत ही खूब दोहे हुए...


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on November 10, 2020 at 8:00am

हार्दिक धन्यवाद, सुधीजनो, जिनने ओबीओ पर प्रस्तुति देखी और संभवत: अपरिहार्य कारणों से कुछ न कहा. 

जिनने अपनी बात कही, उनके प्रति सादर आभार.. 

शुभ-शुभ

Comment by Samar kabeer on November 4, 2020 at 6:58pm

जनाब सौरभ पाण्डेय जी आदाब, बहुत उम्द: दोहे लिखे हैं आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

'राजा-राजा खेलते, बेवकूफ हम रंक !
उँगली थामे सोचिए, दाग लगा या डंक'

ये दोहा ख़ास तौर पर पसंद आया ।

आपकी पिछली रचनाओं पर आई टिप्पणियों के जवाब आप पर उधार हैं,देखियेगा:-)))

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 3, 2020 at 8:26pm

आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन । उत्तम दोहे हुए हैं हार्दिक बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service