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कच्चे आमों जैसा खट्टा कभी शहद सा होता जीवन (१०९ )

एक गीत
----------------
कच्चे आमों जैसा खट्टा
कभी शहद सा होता जीवन |
***
पाया जीवन है जिसने भी
पल पल देनी पड़े परीक्षा |
कैसे भी हालात किसी के
जीवन की मत करें उपेक्षा |
करते अगर भ्रूण की हत्या
या करते हत्या अपनी तुम
पाप हमेशा कहलायेंगे
न्याय करेगा अगर समीक्षा |
अपनी नादानी के कारण
क्यों करते खिलवाड़ मनुज तुम
मिटटी के सम ठोकर मारो
क्या इतना है सस्ता जीवन |
***
कच्चे आमों जैसा खट्टा
कभी शहद सा होता जीवन |
***
माना मन को विचलित करते
जीवन में तूफान सभी को |
कभी कभी ही लगे निरंतर
ये जीना आसान सभी को |
कंटक बन कर चुभते रहते
विकट कई हालात जगत में
हुए उपस्थित ऐसे मंज़र |
जो करते हैरान सभी को |
लाख नज़र आती कठिनाई
हमें बचाना इसको फिर भी
मिला ईश से वर जो सुंदर
पुष्पों का गुलदस्ता जीवन |
***
कच्चे आमों जैसा खट्टा
कभी शहद सा होता जीवन |
***
अगर आपके जीवन में सुख
कूट कूट कर भरे पड़े हैं |
दीन दुखी को बांटो थोड़े
ग़म से जो अधमरे पड़े हैं |
जिनका नहीं जगत में कोई
पालन हारा सिवा ईश के
भांति भांति के जख्म अभी तक
जिन लोगों के हरे पड़े हैं |
इसमें भी संतोष मिलेगा
और मिलेगी सदा दुआएं
औरों के आँगन यदि देखो
जीता हँसता गाता जीवन |
***
कच्चे आमों जैसा खट्टा
कभी शहद सा होता जीवन |
***
गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत' बीकानेरी |

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 519

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Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on June 14, 2020 at 9:00am

आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'  जी ,हार्दिक आभार और वंदन आपका उत्साहवर्धन के लिए |

Comment by नाथ सोनांचली on June 14, 2020 at 8:23am

आद0 गिरधर सिंह गहलोत तुरन्त जी सादर प्रणाम। खूबसूरत गीत सृजित किया आपने। हर बन्द सोचने को विवश करता हुआ। वह वाह वाह। बधाई स्वीकार कीजिये

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on June 14, 2020 at 12:35am

आदरणीय TEJ VEER SINGH जी , 

हार्दिक आभार और वंदन आपका उत्साहवर्धन के लिए |

Comment by TEJ VEER SINGH on June 13, 2020 at 6:51pm

हार्दिक बधाई आदरणीय गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत' बीकानेरी जी। बेहतरीन गीत। 

अगर आपके जीवन में सुख
कूट कूट कर भरे पड़े हैं |
दीन दुखी को बांटो थोड़े
ग़म से जो अधमरे पड़े हैं |
जिनका नहीं जगत में कोई
पालन हारा सिवा ईश के
भांति भांति के जख्म अभी तक
जिन लोगों के हरे पड़े हैं |
इसमें भी संतोष मिलेगा
और मिलेगी सदा दुआएं
औरों के आँगन यदि देखो
जीता हँसता गाता जीवन |

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on June 13, 2020 at 12:39pm

आदरणीय Samar kabeer  साहेब , 

आपने रचना को सराहा। आपके स्नेह के लिए अंतस्थल से आभारी हूँ। सादर नमन।

Comment by Samar kabeer on June 12, 2020 at 6:54pm

जनाब गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत' जी आदाब, अच्छा गीत लिखा आपने,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on June 11, 2020 at 7:04pm

Dimple Sharma जी , इस उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आभाऱ ,खुश रहिये | 

Comment by गिरधारी सिंह गहलोत 'तुरंत ' on June 11, 2020 at 7:04pm

Dimple Sharma जी , इस उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए आभाऱ ,खुश रहिये | 

Comment by Dimple Sharma on June 11, 2020 at 11:09am

नमस्ते आदरणीय, बहुत सुंदर रचना के लिए बधाई स्वीकार करें।

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