For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेघदूत (पूर्व मेघ खंड के 6 से 8 टेक छंदों का काव्यानुवाद)

विरहाकुल था दीन यक्ष उसको कुछ समझ नहीं आया

वारिवाह से गुह्य याचना ही करना उसको भाया

 

लोक-ख्यात पुष्कर-आवर्तक जलधर बड़े नाम वाले

उनके प्रिय वंशज हो तुम हे वारिवाह ! काले-काले

 

प्रकृति पुरुष तुम कामरूप तुम इन्द्रसखा तुमको जानूं

विधिवश प्रिय से हुआ दूर हूँ तुम्हे मीत हितकर मानूं

 

तुम यथार्थ परिजन्य मूर्त्त हो मैं याचक बनकर आया

गुणीजनों से व्यक्त याचना करना ही मुझको भाया

 

वही याचना श्रेयस्कर है की जाये अधिकारी से

भले विफल हो जाये अपने भाग्य लेख अपकारी से

 

किन्तु याचना कभी अधम से करना उचित नही होता

अगर सफल हो जाये तो भी भाग्यहीन मानव रोता

करते हो तुम तृप्त मेघ ! जो भी संतप्त दुखारी हो

रक्षक हो तुम सब जोवों के दानवीर उपकारी हो

 

विरही मैं कुबेर से शापित मुझ पर तनिक तरस खाओ

मेरा यह सन्देश प्रिया तक किसी भाँति भी पंहुचाओ

 

यक्षराज की ख्यात पुरी है अलका तक तुमको जाना

जहाँ रम्य उद्यान बीच में हंसती सुमनावलि नाना

 

विद्यमान शिव के मस्तक से छिटक चांदनी की धारा

धवलित करती है भवनों को भर देती उनमे पारा

 

 

घुमड़ उठोगे जब अम्बर पर समझ पवन की चालों को

फेकेंगी ऊपर वनितायें घुंघराले निज बालों को

 

जोप्रोषितपतिकाओं के मुख पर लट सी लटकी होंगी

इकटकनभ में देखतुम्हेंजो सपनो में भटकी होंगी

 

वे सहेजतींआशा मन में प्रिय अवश्य होंगे आते

प्रेमीजन सुनकरघमंड घन कैसे फिरथिररह पाते

 

और प्रवासी कब पत्नी से उदासीन रह पायेगा

पराधीन जीवन मुझ जैसा शापित किसको भायेगा

(मौलिक एवं अप्रकाशित )

 

Views: 1041

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SALIM RAZA REWA on October 15, 2017 at 8:40pm
आ. गोपाल नारायण जी,
ख़ूबसूरत रचना के लिए बधाई.
Comment by Dr Ashutosh Mishra on October 11, 2017 at 4:38pm

आदरणीय गोपाल सर ..हिंदी के बेहतरीन शब्दों से ओतप्रोत इस शानदार रचना के लिए ढेर सारी बधाई स्वीकार करें सादर 

Comment by Samar kabeer on October 11, 2017 at 2:49pm
जनाब गोपाल नारायण जी आदाब,सुंदर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 11, 2017 at 2:40pm

बहुत सुंदर एक एक अक्षर एक दृश्य दिखा रहा है | साधुवाद आदरणीय |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
23 seconds ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
31 seconds ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
51 seconds ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
1 minute ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, सादर अभिवादन! आपकी विस्तृत टिप्पणी और सुझावों के लिए हृदय से आभारी हूँ। इस सन्दर्भ…"
11 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
4 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और सुख़न नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service