For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मापनी २१२२ २१२२ २१२२ २१२ 

द्वार पर जो दिख रही सारी सजावट आप से है

आज अधरों पर हमारे मुस्कुराहट आप से है  

 

आपकी आमद से मौसम हो गया कितना सुहाना

जो हुई महसूस गरमी में तरावट आप से है

 

यूँ तो मेरी जिन्दगी में गम के’ सन्नाटे बहुत हैं

जो सुनाई दे रही खुशियों की’ आहट आप से  है

 

जो हृदय पाषाण था वो हो गया है पुष्प कोमल   

रेशमी अहसास की इसमें बुनावट आप से है

 

गीत, दोहे, छंद, मुक्तक या ग़ज़ल का नाम दे दो

काव्य के हर शिल्प में जो है कसावट आप से है

"मौलिक एवं अप्रकाशित"

Views: 538

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by राज़ नवादवी on December 1, 2018 at 11:08am

गीत, दोहे, छंद, मुक्तक या ग़ज़ल का नाम दे दो

काव्य के हर शिल्प में जो है कसावट आप से है

वाह, आदरणीय बसंत कुमार जी, सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति के लिए दाद के साथ मुबारकबाद. सादर. 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on November 29, 2018 at 12:24pm

आदरणीय  Rahul Dangi जी , शुभ प्रभातम , हौसला अफजाई के लिए दिल से शुक्रिया आपका 

Comment by Rahul Dangi Panchal on November 27, 2018 at 9:40pm

बहुत खूब बधाई स्वीकारें

Comment by बसंत कुमार शर्मा on November 27, 2018 at 5:22pm

आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी शुभ संध्या, आपकी हौसलाअफजाई का दिल से शुक्रिया 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on November 27, 2018 at 5:22pm

आदरणीय Samar kabeer जी आदाब,  आपकी हौसलाअफजाई का दिल से शुक्रिया 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on November 27, 2018 at 5:21pm

आदरणीय TEJ VEER SINGH जी सादर नमस्कार , आपकी हौसलाअफजाई का दिल से शुक्रिया 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 27, 2018 at 4:21pm

आ. भाई बसंत जी, सुंदर गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Samar kabeer on November 27, 2018 at 3:50pm

जनाब बसंत कुमार शर्मा जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by TEJ VEER SINGH on November 27, 2018 at 11:18am

हार्दिक बधाई आदरणीय बसंत कुमार जी। बेहतरीन गज़ल।

यूँ तो मेरी जिन्दगी में गम के’ सन्नाटे बहुत हैं

जो सुनाई दे रही खुशियों की’ आहट आप से  है

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
4 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
4 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
5 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
6 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
7 hours ago
Profile IconSarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
11 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
yesterday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service