For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मुआवज़ा - लघुकथा -

मुआवज़ा - लघुकथा -

 देश भक्त पार्टी के एक नामी नेता  रेल हादसे पर  विरोध जताने अपने समर्थकों की भारी भीड़  लेकर डी  एम साहब के दफ़्तर पहुंच गये और जम कर नारेबाज़ी शुरू कर दी। थोड़ी  देर में साहब  ने नेताजी को दफ़्तर में बुला  लिया।

"क्या हुआ भैया जी, इतना शोरगुल किसलिये। हम लोग तो खुद ही रात दिन इसी काम में लगे हुए हैं।"

"जनाब, हम जन प्रतिनिधि हैं।लोगों को सब जानकारी देनी पड़ती है कि प्रशासन क्या कर रहा है। इतना समय हो गया, आप लोगों की ओर से कोई पुख्ता खबर नहीं आई मीडिया में।"

"भैया जी, बहुत तीव्र गति से कार्य हो रहा है।कुछ ही दिन में आश्रित परिजनों को मुआवज़ा मिल जायेगा।"

"साहब जी, यह गोलमोल बातें छोड़ो, ठोस जवाब दो? बाढ़ के समय आपने जो घपले किये थे, सब पता है हमें|"

"भैया जी, आप तो नाराज़ हो गये |आपका कोई  बंदा घटना में हताहत हुआ है क्या?"

"सभी तो हमारे ही हैं।"

साहब ने  पी ए को  निर्देश दिया ," भैया जी का नाम मुआवज़ा पाने वालों की लिस्ट में डाल दो। किसी लावारिस लाश की फ़ोटो लेकर फ़ाइल बना लो। भैया जी हलफ़नामा और आवश्यक कागजात दे जायेंगे।"

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 508

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on October 25, 2018 at 9:00am

हार्दिक आभार आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 25, 2018 at 8:59am

हार्दिक आभार आदरणीय मिर्ज़ा ज़ावेद बेग जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 25, 2018 at 8:58am

हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on October 25, 2018 at 2:14am

आ. भाई तेजवीर जी, बेहतरीन कथा हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by mirza javed baig on October 25, 2018 at 12:08am

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब

वाह न्याय व्यवस्था पर सटिक कटाक्ष करती हुई रचना के लिए बधाई स्वीकार करें

Comment by Samar kabeer on October 24, 2018 at 3:55pm

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,अच्छी लघुकथा हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by TEJ VEER SINGH on October 23, 2018 at 5:56pm

हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी साहब जी।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 23, 2018 at 3:49pm

आजा... आजा... मुआवज़ा आजा। भ्रष्टाचार के आदी , योजनाओं व घोषणाओं के अवैध  हितग्राहियों पर बेहद यथार्थपूर्ण कड़वा कटाक्ष। हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब। 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Sunday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service