For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अफ़सुर्दा सा लम्हा ....


अफ़सुर्दा सा लम्हा ....

अफ़सुर्दा से लम्हों में
लफ़्ज़ भी उदास हो जाते हैं
बीते हुए लम्हों की लाशें
अपने शानों पर लिए लिए
चीखते हैं
मगर खामोशी की क़बा में
उनकी आवाज़ें
घुट के रह जाती हैं

रोज़ो-शब्
उनके ख़्यालों से
गुफ़्तगू होती है
लफ़्ज़ कसमसाते हैं
चश्म नम होती है
सैलाब लफ़्ज़ों का
हर तरफ है लेकिन
दर्द को तसल्ली
कहाँ होती है

लफ़्ज़ों के शह्र में
अफसानों की मीनारें
कहकहे लगाती हैं
किसी बुत की
अकीदत में
हर लफ्ज़
तर्ज़े-सुखन बन जाता है
धड़कनों का शोर
इज़हारे मोहब्बत का
अस्लूब बन जाता है
फिर भी

न जाने क्यूँ
वो अफ़सुर्दा सा लम्हा
कहकहे लगाता है

अफ़सुर्दा=उदास , रोज़ो-शब =दिन रात ,तर्ज़े-सुखन=काव्य शैली

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 432

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on September 1, 2018 at 8:00pm

आदरणीय समर कबीर साहिब, आदाब .... सृजन पर आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on September 1, 2018 at 8:00pm

आदरणीय  narendrasinh chauhanजी सृजन आपकी प्रशंसा का आभारी है।

Comment by Samar kabeer on August 30, 2018 at 12:12pm

जनाब  नरेंद्र सिंह चौहान जी आदाब,पहले भी आपसे निवेदन कर चुका हूँ कि दो या तीन शब्दों में टिप्पणी देना ओबीओ की परिपाटी नहीं,ऐसा सोशल मीडिया पर ही ठीक है,इस मंच पर ऐसा करना उचित नहीं है,यहाँ रचनाकार को संबोधित करते हुए उसकी रचना की या तो तारीफ़ की जाती है या आलोचना,और ये सब सीखने सिखाने के उद्देश्य के लिए किया जाता है,आपसे एक बार फिर निवेदन है कि आप मंच की गरिमा का ध्यान रखेंगे और ऐसी दो या तीन शब्दों की टिप्पणी देने से परहेज़ करेंगे ।

Comment by Samar kabeer on August 30, 2018 at 12:04pm

जनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छी कविता हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by narendrasinh chauhan on August 27, 2018 at 5:21pm

बहोत खूब। ..

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Dec 13
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Dec 13

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service