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हिचक--
"कभी बेटे को भी गले से लगा लिया कीजिये, वह भी आपके सीने से लगकर कुछ देर रहना चाहता है", रिमी ने गहरी सांस लेते हुए कहा. रमन को सुनकर तो अच्छा लगा लेकिन वह उसे दर्शाना नहीं चाहता था.
"ठीक है, इससे क्या फ़र्क़ पड़ जायेगा. वैसे भी तुम तो जानती हो कि मैं इन सब दिखावों में नहीं पड़ता", रमन ने अपनी तरफ से पूरी लापरवाही दिखाते हुए कहा. अंदर ही अंदर वह जानता था कि इसकी कितनी जरुरत है आजकल के माहौल में, लेकिन एक हिचक थी जो उसे रोकती थी.
"फ़र्क़ पड़ता है, आखिर उसके अधिकतर दोस्त तो अपने पिता से कितने दोस्ताना तरीके से रहते हैं. और आप इतने रिजर्व, आखिर आप ऐसे क्यूँ रहते हैं?
रमन को मालूम था कि वह इन बातों का जवाब नहीं दे पायेगा, एक हिचक थी जो शुरू से उसे यह सब करने से रोकती थी. और उसने बात बदलने के लिए बोला "उसकी सब तैयारी हो गयी ना, देखना कुछ छूट न जाए".
रिमी वापस बेटे का बैग पैक करने लगी, रमन ने धीरे से अपनी बाँहों का घेरा कुछ यूँ बनाया जैसे बेटे को सीने से लगा रहा हो. उसी समय बेटा कमरे में आया और रमन से ख़ामोशी से लिपट गया. हौले से उसने अपना हाथ बेटे के पीठ पर फेरना शुरू किया, सामने से रिमी ने देखा तो वह भी आकर दोनों से लिपट गयी.
हिचकियों के बीच बरसों पुरानी हिचक हौले हौले बह निकली.
मौलिक एवम अप्रकाशित

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Comment by विनय कुमार on July 20, 2018 at 2:07pm

बहुत बहुत आभार आ नीलम उपाध्याय जी

Comment by विनय कुमार on July 20, 2018 at 2:06pm

बहुत बहुत आभार आ शेख सहजाद उस्मानी साहब

Comment by विनय कुमार on July 20, 2018 at 2:06pm

बहुत बहुत आभार आ तस्दीक़ अहमद खान साहब

Comment by Neelam Upadhyaya on July 19, 2018 at 3:57pm

आदरणीय विनय कुमार जी, बहुत ही अच्छी रचना।  प्रस्तुति के लिए बधाई। 

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on July 18, 2018 at 11:30pm

बहुत बढ़िया समापन के साथ बढ़िया रचना।हार्दिक बधाई आदरणीय विनय कुमार  जी।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on July 18, 2018 at 9:50pm

जनाब विनय कुमार साहिब , अन्दर की भावनाओं को दर्शाती सुंदर लघुकथा हुई है मुबारकबाद क़ुबुल फरमाएं l

Comment by विनय कुमार on July 18, 2018 at 2:59pm
बहुत बहुत आभार आदरणीय मुहतरम जनाब समर कबीर साहब
Comment by Samar kabeer on July 18, 2018 at 12:17pm

जनाब विनय कुमार जी आदाब,अच्छी लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by विनय कुमार on July 18, 2018 at 12:11pm

बहुत बहुत आभार आ बसंत कुमार शर्मा जी

Comment by विनय कुमार on July 18, 2018 at 12:10pm

बहुत बहुत आभार आ तेजवीर सिंह जी

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