For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल कहते हैं क्यों लोग सताने आया हूँ

22 22 22 22 22 2

जुल्म नहीं मैं उन पर ढाने आया हूँ ।
कहते हैं क्यों लोग सताने आया हूँ ।।1

तिश्ना लब को हक़ मिलता है पीने का ।
मै बस अपनी प्यास बुझाने आया हूँ ।।2

हंगामा क्यों बरपा है मैखाने में ।
मैं तो सारा दाम चुकाने आया. हूँ ।।3

उनसे कह दो वक्त वस्ल का आया है ।
आज हरम में रात बिताने आया हूँ ।।4

है मुझ पर इल्जाम जमाने का यारों ।
मैं तो उसकी नींद चुराने आया हूँ ।।5

फितरत तेरी थी तूने दिल तोड़ दिया ।
लेकिन मैं तो प्यार निभाने आया हूँ ।।6

मुझसे मेरा हाल न पूछो ऐ जानां।
मैं तुझमे अहसास जगाने आया हूँ ।।7

हिज्र में कितनी चोट मिली है इस दिल को ।
आज तुझे हर जख्म दिखाने आया हूँ ।।8

दीवानों की रात गुजरती है कैसे ।
मैं तुमको वह हाल सुनाने आया हूँ ।।9

मैं ग़ज़लों से मोती चुनकर रखता था ।
आज तुम्हे इक शेर सुनाने आया हूँ ।।10

आवारा बादल कहते हैं लोग मुझे ।
फिर भी उनकी प्यास बुझाने आया हूँ ।।11

-- नवीन मणि त्रिपाठी

मौलिक अप्रकाशित

Views: 475

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 14, 2018 at 1:06pm

आ. भाई नवीन जी, अच्छी गजल हुई है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on May 12, 2018 at 11:27am

आ0 श्याम नारायण वर्मा जी सादर आभार

Comment by Naveen Mani Tripathi on May 12, 2018 at 11:26am

आ0 तेजवीर सिंह जी सादर आभार

Comment by Naveen Mani Tripathi on May 12, 2018 at 11:25am

आ0 कबीर सर सादर आभार

Comment by Shyam Narain Verma on May 11, 2018 at 2:55pm
इस शानदार ग़ज़ल के लिए दिल से बधाईयाँ 
Comment by Samar kabeer on May 11, 2018 at 2:19pm

जनाब नवीन जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

7वें शैर में शुतरगुर्बा है, देखियेगा ।

Comment by TEJ VEER SINGH on May 11, 2018 at 1:03pm

हार्दिक बधाई आदरणीय नवीन मणि जी।बेहतरीन गज़ल।

दीवानों की रात गुजरती है कैसे ।
मैं तुमको वह हाल सुनाने आया हूँ ।।9

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service