For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

स्वप्निल यथार्थ

स्वप्निल यथार्थ....

जब प्रतीक्षा की राहों में
सांझ उतरे


पलकों के गाँव में
कोई स्वप्न
दस्तक दे


कोई अजनबी गंध
हृदय कंदरा को
सुवासित कर जाए


कोई अंतस में
मेघ सा बरस जाए


उस वक़्त
ऐ सांझ
तुम ठहर जाना
मेरी प्रतीक्षा चुनर के
अवगुंठन के
हर भ्रम को
हर जाना
मेरे स्वप्न को
यथार्थ कर जाना
मेरे स्वप्निल यथार्थ को
अमर कर जाना

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 665

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on March 20, 2018 at 7:23pm

आदरणीय  Sheikh Shahzad Usmani साहिब, आदाब.....सृजन को अपनी स्नेहिल प्रशंसा से अलंकृत करने का दिल से आभार। 

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on March 20, 2018 at 6:34pm

शुभ दिवस की संध्या पर सपने को यथार्थ कर जाना और यथार्थ को अमर कर जाना ..!! वाह। अद्भुत सम्प्रेषण। अद्भुत आह्वान/इरादे। बेहतरीन सृजन के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब सुशील सरना जी।

Comment by Sushil Sarna on March 20, 2018 at 6:31pm

आदरणीय तस्दीक अहमद खान साहिब, आदाब .... प्रस्तुति के भावों को आत्मीय मान देने का तहे दिल से शुक्रिया।

Comment by Sushil Sarna on March 20, 2018 at 6:31pm

आदरणीय विजय निकोर जी सृजन को अपनी स्नेहिल प्रशंसा से अलंकृत करने का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on March 20, 2018 at 6:31pm

आदरणीया प्रतिभा पांडेय जी सृजन के भावों को आत्मीय मान देने का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on March 20, 2018 at 6:30pm

आदरणीय समर कबीर साहिब , आदाब .... अपनी उत्साहवर्धक एवं प्रेरक प्रतिक्रिया से सृजन का मान बढ़ाने का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on March 20, 2018 at 6:30pm

आदरणीय हर्ष महाजन जी सृजन को आत्मीय स्नेह देने का दिल से आभार।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on March 19, 2018 at 7:16pm

जनाब सुशील सरना साहिब ,स्वप्न पर आधारित ज़बरदस्त कविता हुई है ,मुबारक बाद क़ुबूल फरमायें।

Comment by pratibha pande on March 18, 2018 at 10:04pm

मेरे स्वप्न को 
यथार्थ कर जाना 
मेरे स्वप्निल यथार्थ को 
अमर कर जाना//   खूबसूरत पंक्तियाँ ...  हार्दिक बधाई  आदरणीय सुशील  सरना जी  

Comment by Samar kabeer on March 16, 2018 at 11:32am

जनाब सुशील सरना जी आदाब,हमेशा की तरह सशक्त रचना,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service